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दिल्ली उच्च न्यायालय
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हज यात्रियों के लिए नई नीति में कुछ प्रावधानों को खारिज करने की याचिका पर दिल्ली उच्च न्यायालय ने आज केंद्र सरकार से नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
दिल्ली उच्च न्यायालय
नई हज नीति में यात्रियों के लिए कुछ प्रावधानों को खारिज करने की मांग वाली याचिका पर दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को केंद्र सरकार से नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। केंद्र सरकार की नई हज नीति के अनुसार शारीरिक और मानसिक रूप से दिव्यांग लोगों को हज यात्रा पर मक्का जाने से रोक लगा दी गई है।
कार्यवाहक चीफ जस्टिस गीता मित्तल और जस्टिस हरि शंकर की पीठ ने अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय और हज समिति को याचिका पर नोटिस जारी कर नई नीति के कुछ प्रावधानों के लेख पर जवाब मांगा है।
इसमें संविधान के आर्टिकल 14, 21 और 25 पर धर्म का अभ्यास करने, धार्मिक समानता और धार्मिक स्वतंत्रता से संबंधित मसलों पर जवाब मांगा है।
अदालत ने अधिवक्ता गौरव बंसल द्वारा दायर की गई याचिका पर केंद्र सरकार और हज समिति से 11 अप्रैल तक अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय द्वारा गठित कमेटी की रिपोर्ट के बाद केंद्र सरकार ने शारीरिक और मानसिक रूप से दिव्यांग लोगों को हज का आवेदन करने पर रोक लगा दी है। यह आदेश 2018 से लेकर 2022 तक की यात्रा के लिए है ।
केंद्र सरकार के इसी फैसले के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है।
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Source : News Nation Bureau