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मनी लॉन्ड्रिंग केस: रॉबर्ट वाड्रा की अर्ज़ी पर सुनवाई 18 जुलाई को, ED ने भी मांगा समय

राबर्ट वॉड्रा की अर्जी पर सुनवाई 18 जुलाई को

Updated on: 02 May 2019, 12:04 PM

नई दिल्ली:

सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ मनी लांड्रिंग मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय में गुरुवार को सुनवाई हुई जिसमें रॉबर्ट वाड्रा की अर्ज़ी पर सुनवाई 18 जुलाई तक के लिए टाल दी गई है.प्रवर्तन निदेशालय ( ED) ने वाड्रा की अर्ज़ी पर जवाब दाखिल करने के लिए और वक़्त की मांग की. आपको बता दें कि पिछली सुनवाई में प्रवर्तन निदेशालय ( ED) ने रॉबर्ट वाड्रा की याचिका पर विरोध जताया था. अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय ( ED) को 2 हफ्ते में दर्ज एफआईआर (FIR) पर जवाब दाखिल करने के लिए कहा था. दिल्ली उच्च न्यायालय की डिवीजन बेंच ने निचली अदालत की कार्रवाई पर रोक लगाने से मना कर दिया था.

दरअसल, रॉबर्ट वाड्रा ने अपने खिलाफ दाखिल दर्ज मनी लांड्रिंग के तहत दर्ज FIR को चुनौती दी है और उसे खारिज करने की मांग की है. इससे पहले पटियाला हाउस कोर्ट ने वाड्रा को 5 लाख रूपए के निजी मुचलके पर अग्रिम जमानत प्रदान की थी. अदालत ने वाड्रा को निर्देश दिया था कि वो ईडी की जांच में सहयोग करेंगे और गवाहों के साथ छेड़छाड़ नहीं करेंगे. अदालत ने अपने आदेश में कहा था कि वाड्रा अदालत के आदेश के बगैर विदेश नहीं जा सकेंगे. इसके साथ ही वाड्रा के करीबी मनोज अरोड़ा को भी अदालत ने अग्रिम जमानत दे दी थी.

आपको बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय ( ED) इस मामले में रॉबर्ट वाड्रा से 7 बार सवाल-जवाब कर चुकी है. रॉबर्ट वाड्रा पर देश से बाहर बेनामी संपत्ति रखने का आरोप है. इससे पहले राजस्थान और हरियाणा में जमीन के कई सौदों को लेकर भी उनके खिलाफ जांच चल रही है. इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय ( ED) ने अदालत को बताया था कि इनकम टैक्स की एक अन्य जांच में मनोज अरोड़ा का नाम उजागर होने के बाद उनके खिलाफ मनी लांड्रिंग का मामला दर्ज किया गया था. यह भी बताया था कि लंदन में रॉबर्ट वाड्रा द्वारा खरीदी गई प्रॉपर्टी में मनोज अरोड़ा की महत्वपूर्ण भूमिका है और उन्होंने इस संपत्ति को खरीदने में वाड्रा की सहायता की है.