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Twitter ने माना- नहीं किया IT नियमों का पालन, हाईकोर्ट ने कहा- सरकार एक्शन के लिए फ्री

दिल्ली हाईकोर्ट ने ट्विटर की ओर से रेजिडेंट ग्रेवांस ऑफिसर की नियुक्ति न किये जाने पर नाराजगी जाहिर की है. इसको लेकर हाईकोर्ट ने ट्विटर को फटकार भी लगाई है.

Updated on: 06 Jul 2021, 01:07 PM

highlights

  • रेजिडेंट ग्रीवांस ऑफिसर की नियुक्ति का मामला
  • Twitter द्वारा नियुक्ति न होने पर HC नाराज
  • दिल्ली हाईकोर्ट ने ट्विटर को फटकार लगाई

नई दिल्ली:

दिल्ली हाईकोर्ट ने ट्विटर की ओर से रेजिडेंट ग्रीवांस ऑफिसर की नियुक्ति न किये जाने पर नाराजगी जाहिर की है. इसको लेकर हाईकोर्ट ने ट्विटर को फटकार भी लगाई है. दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि 21 जून को अधिकारी के हटने के बाद आपको उनकी जगह दूसरे की नियुक्ति कर देनी चाहिए थी, पर आपने अब तक ऐसा नहीं किया. आप इस प्रोसेड में कितना वक़्त लेंगे. हाईकोर्ट ने सख्त लहजे में कहा कि अगर आपको लगता है कि हिंदुस्तान में आप इसके लिए मनचाहा वक्त ले सकते हैं तो कोर्ट इसकी इजाजत नहीं देगा.

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हाईकोर्ट में ट्विटर की ओर से पेश वकील ने कहा कि ग्रीवांस अफसर की नियुक्ति प्रकिया फाइनल स्टेज में है. उम्मीद है कि दो हफ्ते में ऐसा हो जाएगा, पर फिर भी मुझे अपने मुवक्किल से इसको लेकर बात करनी होगी. 'ट्विटर ने कोर्ट में यह भी माना कि उसने नए आईटी नियमों का पालन नहीं किया है. उधर, केंद्र सरकार की ओर से ASG चेतन शर्मा ने कहा कि ट्विटर को तीन महीने का वक़्त दिया गया. ट्विटर भारत में कारोबार करने के लिए स्वतंत्र है, पर ट्विटर का ये रवैया भारत की डिजिटल सम्प्रभुता के प्रति उसके निरादर को दर्शाता है.

इस पर हाईकोर्ट कोर्ट ने साफ किया कि ट्विटर को ये साफ बताया जा चुका है कि उन्हें नियमों का पालन करना ही होगा. उन्हें अदालत से कोई संरक्षण नहीं मिला है. सरकार जो चाहे, एक्शन ले सकती है. बहरहाल, ग्रीवांस अफसर की नियुक्ति में कितना वक्त लगेगा, ये बताने के लिए कोर्ट ने ट्विटर को 8 जुलाई तक का वक़्त दिया. कोर्ट ने ट्विटर की ओर से पेश वकील से कहा कि बाकी आईटी नियमों पर भी अमल को लेकर कोर्ट को बताएं. आप स्पष्ट निर्देश लेकर आएं, अन्यथा आपको ही दिक्कत होगी.

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आपको बता दें कि ट्विटर के अंतरिम निवासी शिकायत अधिकारी धर्मेंद्र चतुर ने 21 जून को अपना पद छोड़ दिया था, जिसके बाद ट्विटर ने कैलिफोर्निया स्थित जेरेमी केसल को भारत के लिए नया शिकायत अधिकारी नियुक्त किया था. हालांकि, केसल की नियुक्ति नए आईटी नियमों के अनुरूप नहीं थी, क्योंकि इन नियमों में कहा गया है कि शिकायत निवारण अधिकारी सहित सभी नोडल अधिकारी भारत में होने चाहिए.

गौरतलब है कि एक निवासी शिकायत अधिकारी की नियुक्ति कई मानदंडों में से एक है जिसे भारत में संचालित ट्विटर और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल आचार संहिता) नियम, 2021 के तहत पालन करना होता है. ट्विटर के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में 28 मई को हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस करने वाले वकील अमित आचार्य ने शिकायत दर्ज कराई थी. 31 मई को न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की पीठ ने माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने के लिए तीन सप्ताह का समय दिया था. मामले को आगे की सुनवाई के लिए 6 जुलाई को पोस्ट किया गया था.