43 लोगों का काल बनी फैक्ट्री के पास नहीं थी एनओसी! जानें क्या कहता है कानून
अनाज मंडी में रविवार की सुबह लगी भयानक आग में मृतकों की संख्या इसलिए बढ़ी क्योंकि फैक्ट्री संकरी गली में स्थित थी. इसके साथ ही प्रारंभिक जानकारी यह भी मिल रही है कि एनओसी को लेकर भी कुछ स्पष्ट नहीं है.
highlights
- दिल्ली अनाज मंडी में लगी आग ने 45 को लीला.
- संकरी गलियों से आई बचाव कार्य में रुकावट.
- बगैर एनओसी हजारों की संख्या में चल रही फैक्ट्रियां.
New Delhi:
अभी तक जो जानकारी प्राप्त हो रही है उससे पता चलता है कि अनाज मंडी में रविवार की सुबह लगी भयानक आग में मृतकों की संख्या इसलिए बढ़ी क्योंकि फैक्ट्री संकरी गली में स्थित थी. इसके साथ ही प्रारंभिक जानकारी यह भी मिल रही है कि एनओसी को लेकर भी कुछ स्पष्ट नहीं है. गौरतलब है कि साल 2017 में नोएडा सेक्टर-11 में लंबे समय से करीब 20 हजार फैक्ट्रियां दमकल विभाग की एनओसी (नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट) के बिना संचालित हो रही थीं.
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क्या कहता है कानून
- सामाजिक श्रमिक सुरक्षा योजना के तहत फैक्ट्री में दुर्घटना में मौत पर 5 लाख रुपए और घायल को उसके घायल होने की प्रतिशतता के आधार पर सरकार मुआवजा देती है.
- फैक्ट्री मालिकों भी मुआवजा देना होगा जो कर्मचारी की उम्र और उसकी सेलरी के हिसाब से देना होता है.
- इसके अलावा ईपीएफ व बीमा आदि से भी राशि उपलब्ध होती है.
- दुर्घटना किसी की गलती से भी हुई हो फैक्ट्री एक्ट के तहत जुर्माना फैक्ट्री मालिक को ही भुगतना होगी.
- रिहायशी क्षेत्र में कोई फैक्ट्री नहीं चला सकते.
- फैक्ट्री के लिए एनओसी (नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट) होनी जरूरी है और फैक्ट्री के अंदर आग नियंत्रण संबंधी यंत्र होने चाहिए.
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क्यों नहीं मिलती एनओसी
- अधिकतर उद्यमी, निगम से अनुमति लिए बगैर फैक्ट्रियों के लिए भवनों का निर्माण कराते हैं.
- ऐसे में दमकल विभाग की एनओसी इनके पास नहीं होती है क्योंकि एनओसी लेने के लिए पहले निगम में एमसीडी बिल्डिंग प्लान की अनुमति के लिए आवेदन करना होता है.
- इसकी अनुमति मिलने के बाद ही दमकल विभाग में एनओसी के लिए फाइल आगे बढ़ती है.
- निगम की अनुमति के लिए भवनों की गड़बड़ियों को दूर करना होता है.
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दिल्ली सरकार के प्रयास
- उत्तरी जिला प्रशासन ने नरेला-बवाना औद्योगिक क्षेत्र में आगजनी की घटनाओं को रोकने के लिए फरवरी 2017 में कड़ा रुख अपनाया.
- उपायुक्त ने दमकल विभाग की एनओसी नहीं होने पर फैक्ट्रियां सील करने का आदेश दे दिया.
- इससे बचने के लिए उद्यमी दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन के पास पहुंचे और एनओसी के लिए तीन महीने की मोहलत ले आए.
- जिला प्रशासन ने उद्यमियों की सहायता के लिए एनओसी जारी करने और उन्हें जागरूक करने के लिए शिविर का आयोजन किया.
- इसमें करीब 600 उद्यमियों ने जानकारी ली, लेकिन एनओसी के लिए आवेदन सिर्फ 152 उद्यमियों ने ही किया था.
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