आम आदमी पार्टी (आप) को बड़ा झटका देते हुए सीबीआई ने अब वापस ली गई शराब नीति में कथित भ्रष्टाचार के मामले में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार कर लिया है। हालांकि, कानूनी जानकारों के मुताबिक, अगर कोई पॉलिसी गलत हो गई है और वापस ले ली गई है, तो यह इस मुद्दे को अपराध से नहीं जोड़ा जा सकता।
दिल्ली की अब वापस ली गई शराब नीति पर सिसोदिया की गिरफ्तारी पर वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा ने कहा कि 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में यही हुआ और सीबीआई वहां सफल नहीं रही और बनाई गई नीति गिरफ्तारी का तंत्र नहीं बन सकती। उन्होंने कहा कि जाहिर तौर पर जांच एजेंसी शुद्ध नीतिगत मामले में भ्रष्टाचार में एक अलग तंत्र का पालन करती है।
वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने कहा कि सिसोदिया के खिलाफ आरोप व्यक्तिगत लाभ के लिए प्रतीत होते हैं, जो कि सार्वजनिक डोमेन में है। उन्होंने कहा कि सरकार की गलत नीति या सरकारी खजाने को नुकसान एक आपराधिक मामला नहीं बन सकता, जब तक कि नीति व्यक्तिगत लाभ के लिए प्रेरित न हो।
केंद्रीय एजेंसी ने सिसोदिया से सुबह से पूछताछ की और नौ घंटे से अधिक समय के बाद गिरफ्तारी हुई।
राष्ट्रीय राजधानी में नई शराब बिक्री नीति के सिलसिले में सिसोदिया और अन्य पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं और सीबीआई ने शराब नीति मामले की चार्जशीट में सात अभियुक्तों को नामजद किया है, जिसमें सिसोदिया का कोई जिक्र नहीं है।
सीबीआई के एक सूत्र के अनुसार, एजेंसी सोमवार को सिसोदिया को राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश करेगी और दो सप्ताह की कस्टोडियल रिमांड मांगेगी, क्योंकि उसे सह-अभियुक्तों के साथ-साथ दस्तावेजी और डिजिटल सबूतों के साथ उनका सामना करने की जरूरत है।
सीबीआई ने आरोप लगाया था कि शराब कंपनियां रिश्वत के बदले 2021 की शराब नीति तैयार करने में शामिल थीं और नीति के कारण उन्हें 12 प्रतिशत का लाभ हुआ, जिसमें से 6 प्रतिशत हैदराबाद के बिचौलियों के माध्यम से लोक सेवकों को दिया गया।
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Source : IANS