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'चिदंबरम के खिलाफ एयरसेल मैक्सिस मामले में अनावश्यक जांच सुस्त'

अदालत ने सीबीआई और ईडी की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल संजय जैन को अधिक समय लेने के अनुरोध को मान लिया.

Updated on: 02 Dec 2020, 03:42 PM

नई दिल्ली:

पूर्व केन्द्रीय मंत्री पी. चिदंबरम और उनके बेटे कार्ती चिदंबरम के खिलाफ एयरसेल-मैक्सिस मामले में केन्द्रीय जांच ब्यूरो और प्रवर्तन निदेशालय से एक पत्र भेजने को लेकर दिल्ली की एक अदालत ने कहा है कि जांच अनावश्यक रूप से सुस्त है, जबकि अदालत ने पत्र भेजने के लिए एजेंसियों को अतिरिक्त समय भी दिया था. विशेष न्यायाधीश अजय कुमार कुहर ने इस मामले को स्थगित कर दिया, जिस पर 1 फरवरी को सुनवाई होनी है. 

एजेंसियों ने इस मामले को पहले भी कई बार स्थगित करने की मांग की है. अदालत ने सीबीआई और ईडी की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल संजय जैन को अधिक समय लेने के अनुरोध को मान लिया. अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने अदालत को बताया, 'दो एलआर - एक सिंगापुर और दूसरा यूके में भेजे गए थे. यूके को भेजे गए एलआर में कोई प्रगति नहीं हुई है, लेकिन सिंगापुर ने ईडी द्वारा मांगी गई सहायता पर सवाल उठाए हैं. यह उनके प्रश्नों की प्रतिक्रिया को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में हैं. एक और स्थगन मिलने पर हम और अधिक सकारात्मक जवाब के साथ आपके पास वापस आ सकेंगे.'

इस पर न्यायाधीश ने कहा, 'यह अनावश्यक रूप से सुस्त है', जबकि उन्होंने इसके लिए अधिक समय दिया. यह मामला एयरसेल-मैक्सिस सौदे में विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड की मंजूरी की कथित अनियमितताओं से संबंधित है. यह तब का है जब 2006 में पी. चिदंबरम केंद्रीय वित्त मंत्री थे. सीबीआई और ईडी ने आरोप लगाया था कि चिदंबरम ने वित्त मंत्री के रूप में अपनी क्षमता से परे जाकर समझौते को मंजूरी दी थी, जिससे कुछ व्यक्तियों को लाभ मिल सके और उन्हें इसके लिए रिश्वत मिल सके.