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Delhi Court से दिल्ली दंगा केस में उमर खालिद की जमानत याचिका खारिज

उमर ने तब लोगों को सड़कों पर आने के लिए कहा जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप दिल्ली में थे. यह साजिश इसलिए रची गई ताकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि खराब हो.

Updated on: 24 Mar 2022, 12:51 PM

highlights

  • दिल्ली हिंसा में जेल में बंद है जेएनयू नेता उमर
  • दिल्ली दंगों में 53 लोग मारे गए थे, 700 घायल
  • पुलिस ने चार्जशीट में लगाए हैं गंभीर आरोप

नई दिल्ली:

उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के मामलों में सितंबर 2020 से यूएपीए के तहत जेल में बंद जेएनयू के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद की जमानत खारिज कर दी गई है. गौरतलब है कि फरवरी 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुआ हिंसा में 53 लोग मारे गए थे, जबकि 700 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे. इस मामले में दिल्ली पुलिस ने उमर खालिद को मुख्य साजिशकर्ता बताते हुए गिरफ्तार किया था. पुलिस ने अपनी चार्जशीट में बताया था कि उमर खालिद कई वॉट्स एप ग्रुप का हिस्सा थे जिनके जरिये हिंसा की साज़िश रची गयी.

चार्जशीट पर उमर पर हैं गंभीर आरोप
चार्जशीट में उमर पर हिंसा के लिए लोगों को भड़काने का बड़ा आरोप है. खासकर उमर ने तब लोगों को सड़कों पर आने के लिए कहा जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप दिल्ली में थे. यह साजिश इसलिए रची गई ताकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि खराब हो. पुलिस ने कहा कि हिंसा की साज़िश के लिए उमर खालिद ने आप पार्षद ताहिर हुसैन और इंडिया अगेंस्ट हेट से जुड़े खालिद सैफी के साथ मीटिंग भी की. 

वकील का बचाव नहीं आया काम
कोर्ट में बहस के दौरान उमर खालिद की तरफ से सभी आरोपों को फ़र्ज़ी और मनगढ़ंत बताया गया. उमर के वकील ने कहा कि किसी मुद्दे पर अपनी आवाज़ उठाना अपराध नहीं है. उमर खालिद वॉट्स ग्रुप में थे लेकिन वो उन ग्रुप में सक्रिय नहीं थे. यह अलग बात है कि अदालत ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी.