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दिल्ली सीएए प्रोटेस्ट( Photo Credit : न्यूज स्टेट)
दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने नागरिकता संशोधन बिल (CAA) प्रोटेस्ट के दौरान हिंसा फैलाने के आरोप में गिरफ्तार 15 आरोपियों को गुरुवार को जमानत दे दी है. इसके पहले हिंसक प्रदर्शन के संबंध में गिरफ्तार नौ आरोपियों की जमानत याचिका का 26 दिसंबर को अदालत में विरोध किया. गिरफ्तार लोगों की ओर से पेश वकील ने दावा किया कि पुलिस ने कई लोगों को हिरासत में लिया था, लेकिन उन 15 लोगों को ही गिरफ्तार करने का फैसला किया जिनका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है.
Delhi court granted bail to 15 accused in Daryaganj violence case pic.twitter.com/VBLbAmNSbr
— ANI (@ANI) January 9, 2020
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इसके पहले दिल्ली के दरियागंज इलाके में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हिंसा फैलाने वाले 15 आरोपियों को कोर्ट ने 21 दिसंबर को 2 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. वहीं इसके पहले दिल्ली के सीलमपुर इलाके में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हिंसा फैलाने वाले 11 आरोपियों को कोर्ट ने 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. सीलमपुर इलाके में हिंसा में गिरफ्तार किए गए आरोपियों के वकील ने अदालत को बताया था कि ये डेली वेज पर काम करने वाले मजदूर है, जो कारपेंटर का काम करते हैं. वो एक दूसरे को जानते तक नहीं है, फिर कॉमन इंटेंशन कैसे हो सकता है.
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वो वहाँ नमाज़ पढ़ने के लिए आये थे और पुलिस ने जिसे चाहा, उसे पकड़ लिया पुलिस का मकसद बस उन्हें किसी तरह कस्टडी में रखना है. वहीं सरकार वकील ने कहा कि सीलमपुर हिंसा मामले में अभी जांच जारी है. प्रदर्शनकारियों ने पुलिसकर्मियों पर पत्थरबाजी की सार्वजनिक सम्पति को नुकसान पहुंचाया गाड़ियां फूंकी गई एक सुनियोजित साजिश के तहत ये सब हुआ इसलिए कोर्ट से आग्रह किया कि सभी आरोपियों को जेल भेजा जाए.
Source : News Nation Bureau