दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम को उनके खिलाफ सीबीआई और ईडी द्वारा दायर एयरसेल-मैक्सिस मामले में नियमित जमानत दे दी।
इससे पहले 2019 में चिदंबरम को इसी मामले में जांच में शामिल होने के निर्देश के बाद एक लाख रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि की जमानत पर अग्रिम जमानत मिली थी।
फैसले का विस्तृत आदेश बाद में जारी होने की उम्मीद है।
यह मामला, जिसकी केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा जांच की जा रही है, एयरसेल-मैक्सिस सौदे में विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड की मंजूरी के अनुदान में कथित अनियमितताओं से संबंधित है।
जांच एजेंसियों का कहना है कि मंजूरी 2006 में दी गई थी, जब पी. चिदंबरम केंद्रीय वित्तमंत्री थे।
उस समय लागू नियमों और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नीति के अनुसार, चिदंबरम को कथित तौर पर केवल 600 करोड़ रुपये तक के विदेशी निवेश वाले प्रस्तावों को मंजूरी देने का अधिकार था।
आरोप है कि चिदंबरम ने सौदे की विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी को तब तक रोक दिया, जब तक कि उनके बेटे कार्ति चिदंबरम को कंपनी में पांच प्रतिशत हिस्सा नहीं मिल गया।
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Source : IANS