दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार को एक नए भर्ती हुए फर्जी आईपीएस अधिकारी के रूप में एक कार से आईबी कार्यालय में प्रवेश करने के आरोपी व्यक्ति को जमानत देने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि जमानत पर रिहा होने पर आरोपी भाग सकता है।
मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट मनुश्री ने आरोपों की गंभीरता और शुरूआती चरण में तथ्यों पर विचार करते हुए प्रदीप शर्मा की जमानत याचिका खारिज कर दी और कहा कि जमानत पर रिहा होने के बाद आरोपी गवाहों को प्रभावित कर सकता है और सबूतों से छेड़छाड़ करने की कोशिश कर सकता हैं।
आरोपी एक इनोवा कार से आईबी हाउस में दाखिल हुआ था, जिस पर गृह मंत्रालय का लोगो लगा हुआ था।
कार से कई फर्जी दस्तावेज मिले हैं, जिसमें गृह मंत्रालय, नॉर्थ ब्लॉक की मुहर भी शामिल है। उसे 17 नवंबर को गिरफ्तार किया गया था।
आरोपी की ओर से पेश हुए अधिवक्ता मनोरंजन कुमार ने इस आधार पर जमानत मांगी कि उनके खिलाफ धोखाधड़ी के आरोप नहीं लगाए गए हैं और बाकी आरोप गंभीर प्रकृति के नहीं हैं।
लोक अभियोजक अंकित श्रीवास्तव ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि आरोपी ने एक गुप्त सरकारी एजेंसी के परिसर में प्रवेश करके, खुद को एक आईपीएस अधिकारी के रूप में दिखाकर और सरकार - गृह और रक्षा मंत्रालयों के नकली टिकटों का उपयोग करके एक गंभीर अपराध किया है।
जिसके बाद कोर्ट ने आरोपी की जमानत खारिज कर दी।
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Source : IANS