दिल्ली नगर निगम चुनाव की तारीखों की घोषणा को टाले जाने के बाद आम आदमी पार्टी भाजपा सरकार पर लगातार निशाना साध रही है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को प्रेस वार्ता कर कहा कि, केंद्र चिट्ठी लिख कर चुनाव टलवाये यह ठीक नही और चुनाव आयोग केंद्र के सामने झुक जाए, यह भी ठीक नहीं है।
इसके अलावा उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील करते हुए कहा कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हाथ जोड़ कर विनती है, सरकारें आती जाती रहेंगी, कल हम दोनों नहीं रहेंगे, हम जरूरी नहीं और न ही कोई पार्टी जरूरी है, सिर्फ देश रहेगा। अगर हम चुनाव आयोग पर दबाब बनाकर चुनाव टालते हैं इससे चुनाव आयोग कमजोर होता है, इससे देश कमजोर होता है। हमें मिलकर देश की रक्षा करनी है किसी भी हालत में हमें संस्थानों को कमजोर नहीं होने देना है।
चुनाव मत टालें यदि ऐसा होगा तो यह जनतंत्र के लिए खतरा होगा। आज निगम चुनाव में ऐसा हो रहा है। कल लोकसभव चुनाव से पहले पार्लियामेंट्री सिस्टम के खिलाफ आवाजें उठेंगी तो क्या चुनाव को टाला जाएगा ? वहीं कोई विधानसभा चुनाव में कहे कि हम दो राज्यों को मिलाना चाहते है तो क्या चुनाव टालें जाएंगे ? क्या जनतंत्र के अंदर ऐसे चुनाव टाले जा सकते हैं ?
राज्य चुनाव आयोग के आयुक्त को लेकर अरविंद केजरीवाल ने अपनी प्रतिक्रिया दी कि, मुझे नहीं पता राज्य चुनाव आयुक्त को क्या धमकी दी गई, इनकम टैक्स, ईडी या वह रिटायर हो रहें हैं तो रिटायर होने के बाद का कोई लालच दिया गया मुझे नहीं पता। उन्हें बस कहूंगा कि जनता के सामने आकर सच बताएं, हम सब आपके साथ हैं।
दरअसल बुधवार को दिल्ली नगर निगम चुनाव की तारीखों की घोषणा होनी थी, हालांकि आखिरी वक्त में चुनाव आयोग ने प्रेस वार्ता बुलाकर तारीखों का ऐलान नहीं किया और केंद्र से एक चिट्ठी आने का जिक्र किया और तीनों निगमों को एक करने की उम्मीद भी जताई।
दिल्ली के मुख्यमंत्री ने आगे कहा , भारत के इतिहास में पहली बार ऐसा होगा जब केंद्र ने सीधे चुनाव आयोग से चुनाव टालने के लिए कहा है। लोगों के मन में बातें चल रही है। बीते 8 सालों से भाजपा की सरकार है, यदि उनको निगमो को एक करना था तो अब तक क्यों नहीं किया ?
चुनाव की तारीखों की घोषणा करने से एक घंटे पहले इनको याद आया की निगमों को एक करने के लिए चुनाव टाल दिए जाएं। निगमों को एक करना तो बहाना है इनको चुनाव टालना था। भाजपा को पता था कि, इस बार चुनाव हुए तो हमारी लहर में यह हार जाएंगे। लोग यह भी कह रहे हैं कि चुनावों का निगमों को एक साथ करने का क्या लेना देना है।
उन्होंने कहा कि, तीनों निगम अलग अलग हैं, काउंसलर भी अलग अलग जगहों पर बैठ ते हैं तो चुनाव हो जाने दीजिए वह सब एक जगह बैठना शुरू कर देंगे। देश के लिए यह सब ठीक नहीं है।
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Source : IANS