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2022 की चुनावी जीत के लिए पार्टी के संविधान में बदलाव कर आम आदमी पार्टी ने बनाया रोडमैप

2022 की चुनावी जीत के लिए पार्टी के संविधान में बदलाव कर आम आदमी पार्टी ने बनाया रोडमैप

Updated on: 04 Jan 2022, 12:10 PM

नई दिल्ली:

आम आदमी पार्टी (आप)अब दिल्ली के बाहर कई राज्यों में चुनाव लड़कर कई राज्यों में सरकार बनाने का दावा भी कर रही है। आप नेताओं ने अपनी चुनावी जीत को तय करने के लिए पार्टी ने कई अहम बदलाव भी किए हैं।

5 राज्यों के चुनावों को लेकर पार्टी के आंतरिक आकलन के अनुसार आम आदमी पार्टी पंजाब में बहुमत के करीब रहेगी। इसके अलावा गोवा और उत्तराखंड में भी वह मजबूत उपस्थिति दर्ज कराएगी। साथ ही, आकलन के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में पार्टी अपनी नींव मजबूत करने में कामयाब रहेगी।

हाल ही में चंडीगढ़ नगर निगम में जिस तरह से आप ने 35 में से 14 सीटें जीती हैं, उससे दिल्ली समेत सभी चुनावी राज्यों में पार्टी कार्यकतार्ओं में उत्साह है। निगम के इन चुनावी नतीजों को जीत के ट्रेलर के तौर पर देखा जा रहा है। दिल्ली नगर निगम चुनाव में दूसरी बार उतर रही आम आदमी पार्टी के लिए ये जरूर एक बूस्ट अप डोज साबित हो सकता है। टिकट की दौड़ में शामिल पार्टी के कार्यकतार्ओं को लगने लगा है कि इस बार निगम की सत्ता का सुख मिलकर रहेगा। ऐसे में उम्मीदवार के चुनाव करने वाले नेताओं को मुश्किल हो रही है।

आम आदमी पार्टी का चुनावी वादा :

आगामी पांच राज्यों में होने वाले चुनाव को देखते हुए पिछले एक साल में पार्टी ने दिल्ली की तर्ज से कुछ आगे बढ़कर ढेरो चुनावी वादे किए हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने वादा किया कि पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनती है, तो राज्य की 99 लाख महिलाओं के खाते में हर महीने 1000 रुपये दिए जाएंगे। यह मदद विधवा और बुढ़ापा पेंशन के अलावा दी जाएगी। घर में अगर चार महिलाएं हैं तो सभी को 1000 रुपये मिलेंगे।

इसके साथ ही सरकार बनने पर 24 घंटे के अंदर हर आदमी को घरेलू उपयोग के लिए 300 यूनिट तक बिजली फ्री मिलेगी। केजरीवाल ने पंजाब, उत्तराखंड और गोवा में फ्री बिजली का वादा किया है। साथ ही राज्यों में खासतौर पर उत्तराखंड में 5 हजार रुपये बेरोजगारी भत्ता देने जैसे कई वादे किए हैं।

पार्टी संविधान में संशोधन :

पिछले साल की शुरूआत में ही पांच राज्यों के आगामी चुनाव के मद्देनजर 28 जनवरी 2021 को दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने छह राज्यों - उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और गुजरात में विधानसभा चुनाव लड़ने से संबंधित पार्टी के फैसले की घोषणा की थी। आप ने अपनी राष्ट्रीय महत्वाकांक्षाओं के मद्देनजर पार्टी संविधान में कुछ संशोधन भी किए क्योंकि इसके कुछ राज्यों में पार्टी के उभरने में कठिनाइयां आ रही थीं। आप के संविधान में इस बदलाव से अब एक ही परिवार के एक से अधिक लोगों को पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ने की अनुमति भी मिल गई है।

इसके साथ ही आम आदमी पार्टी के गठन के समय जो संविधान पार्टी ने बनाया था, उसमें सबसे महत्वपूर्ण बदलाव यह किया गया कि अब दो बार से ज्यादा एक व्यक्ति पार्टी का संयोजक बन सकता है, जो कि बदलाव से पहले संभव नहीं था।

जनवरी 2021 में पार्टी का संविधान बदला गया, उसके बाद अरविंद केजरीवाल के संयोजक पद पर बने रहने का रास्ता साफ हुआ। पहले उनका कार्यकाल तीन साल का था, जिसे बढ़ाकर अब पाँच साल कर दिया गया। 2012 में आम आदमी पार्टी का गठन हुआ था, तब से अब अब तक अरविंद केजरीवाल ही पार्टी के संयोजक बने हुए हैं। दूसरी पार्टियों के राष्ट्रीय अध्यक्ष की तरह आम आदमी पार्टी में राष्ट्रीय संयोजक के पद सबसे महत्वपूर्ण पद है।

फिलहाल आम आदमी पार्टी इसलिए सुर्खियों में है क्योंकि केजरीवाल और उनके सहयोगी अन्य सभी पार्टियों से पहले पंजाब, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और गोवा में राजनीतिक रैलियां, बैठकें और अन्य कार्यक्रम आयोजित करना शुरू कर दिया जिसमें मुफ्त शिक्षा, मुफ्त और बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं, नौकरियों, युवाओं को बेरोजगारी भत्ता, महिलाओं को हर महीने 1000 रुपये देने और 24 घंटे बिजली देने का वादा किया गया। फिलहाल आम आदमी पार्टी विस्तार की राजनीति को आगे बढ़ाने पर पूरा जोर लगाए हुए है।

पिछले एक साल और आगामी एक साल के परिप्रेक्ष्य में आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद सुशील गुप्ता ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, आम आदमी पार्टी हमेशा से केवल काम की राजनीति करती है। यही वजह है कि आप लगातार तीसरी बार दिल्ली की सत्ता में है। बिजली के दाम, महिला सुरक्षा, शिक्षा, सड़क बनवाना, स्कूल बनवाना, अस्पताल बेहतर करना यह सभी काम दिल्ली में सत्तारूढ़ केजरीवाल सरकार ने किए और उन्हीं कामों के दम पर कई अन्य राज्यों के विधानसभा चुनाव में पार्टी वोट मांग रही है। दिल्ली में कुछ ही महीनों बाद होने वाले एमसीडी के चुनाव में पार्टी इसी काम के दम पर चुनाव जीतने जा रही है।

उन्होंने कहा कि यहां तक कि कांग्रेस और बीजेपी भी मानती है कि आम आदमी पार्टी एमसीडी के चुनाव दिल्ली में जीत रही है। कुछ महीने पहले आम आदमी पार्टी ने केवल 3 महीने के प्रचार पर चंडीगढ़ का चुनाव जीता है, जो यह साबित करता है कि आम जनता को अपनी पार्टी पर भरोसा है।

सुशील गुप्ता ने कहा, पिछले साल आम आदमी पार्टी ने गुजरात के सूरत में चुनाव जीता, चंडीगढ़ में निगम का चुनाव जीता, दिल्ली में घाटे की सरकार को फायदे की सरकार में बदला। पिछले 7 साल में आम आदमी पार्टी की सरकार का बजट 3 गुना हो गया है। पार्टी ने जितना अधिक टैक्स इकट्ठा किया, बिना चोरी के उस टैक्स के पैसे से दिल्ली में विकास के काम किए। ये दिल्ली सरकार और आप की उपलब्धि है।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.