Advertisment

कुतुब मीनार के देवता पिछले 800 वर्षों से बिना पूजा के जीवित हैं : दिल्ली कोर्ट

कुतुब मीनार के देवता पिछले 800 वर्षों से बिना पूजा के जीवित हैं : दिल्ली कोर्ट

author-image
IANS
New Update
Deity at

(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

Advertisment

दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार को कहा कि कुतुब मीनार परिसर में देवता बिना किसी पूजा के 800 साल तक जीवित रहे, और इन्हें इस तरह से जीवित रहने दें।

साकेत कोर्ट के अतिरिक्त जिला न्यायाधीश निखिल चोपड़ा की मौखिक टिप्पणी एक मुकदमे की अस्वीकृति को चुनौती देने वाली एक अपील की सुनवाई के दौरान आई, जिसमें आरोप लगाया गया था कि महरौली में कुतुब मीनार परिसर के भीतर स्थित कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद एक मंदिर परिसर के स्थान पर बनाई गई थी।

अपीलकर्ता ने आरोप लगाया कि 1198 में गुलाम वंश के सम्राट कुतुब-उद्दीन-ऐबक के शासन के तहत 27 हिंदू और जैन मंदिरों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया था। उन मंदिरों के स्थान पर मस्जिद बना दी गई। अब पूजा स्थल की बहाली की मांग की गई।

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील हरिशंकर जैन ने तर्क दिया कि अगर देवता जीवित रहते हैं, तो पूजा का अधिकार भी बच जाता है।

हालांकि, अदालत ने मौखिक रूप से टिप्पणी की : सार्वजनिक व्यवस्था पर पूजा के अधिकार को प्रतिबंधित किया जा सकता है।

न्यायाधीश ने कहा, एक हल्के पक्ष में, देवता पिछले 800 वर्षो से जीवित हैं। इन्हें इसी तरह जीवित रहने दें!

दूसरी ओर, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने कहा : संरक्षण का मूल सिद्धांत अधिनियम के तहत संरक्षित स्मारक के रूप में घोषित और अधिसूचित स्मारक में किसी भी नए अभ्यास को शुरू करने की अनुमति नहीं दी जा सकती।

एएसआई ने दाखिल हलफनामा में कहा है, केंद्रीय रूप से संरक्षित स्मारक में पूजा करने के मौलिक अधिकार का दावा करने वाले प्रतिवादियों या किसी अन्य व्यक्ति के तर्क से सहमत होना एएमएएसआर अधिनियम, 1958 (प्राचीन स्मारक और पुरातत्व स्थल और अवशेष अधिनियम) के प्रावधानों के विपरीत होगा।

सुनवाई के दौरान एएसआई के वकील ने कहा कि अपीलकर्ता की आशंका गलत थी, क्योंकि एजेंसी अब तक मूर्तियों को हटाने या स्थानांतरित करने पर विचार नहीं कर रही है। वकीलों ने स्पष्ट किया कि मूर्तियों को स्थानांतरित करने में विभिन्न एजेंसियों से विभिन्न अनुमतियां लेनी होंगी।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

Advertisment
Advertisment
Advertisment