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रक्षा मंत्रालय से जुड़ी संसदीय समिति की बैठक में उठा LAC विवाद का मुद्दा

सीमा पर भारत-चीन के बीच तनाव (India-China Dispute) जारी है. चीन लगातार सीमा पर घुसपैठ की नाकाम कोशिश कर रहा है, लेकिन भारतीय सेना उनकी हर कोशिश को नाकाम कर दे रही है.

Updated on: 11 Sep 2020, 07:06 PM

नई दिल्‍ली:

सीमा पर भारत-चीन के बीच तनाव (India-China Dispute) जारी है. चीन लगातार सीमा पर घुसपैठ की नाकाम कोशिश कर रहा है, लेकिन भारतीय सेना उनकी हर कोशिश को नाकाम कर दे रही है. दिल्ली में रक्षा मंत्रालय (Defense Ministry) से जुड़ी संसदीय समिति की बैठक में एलएसी (LAC) पर भारत-चीन के बीच जारी तनाव (India-China Dispute) का मुद्दा उठा.

दिल्ली में रक्षा मंत्रालय (Defense Ministry) से जुड़ी संसदीय समिति की बैठक हुई. इस मीटिंग में एलएसी (LAC) पर भारत-चीन के बीच जारी तनाव (India-China Dispute) का मुद्दा उठा. इस दौरान संसदीय समिति के सदस्य शरद पवार ने भारत-चीन के बीच एलएसी पर जारी तनाव को लेकर रक्षा मंत्रालय और सीडीएस बिपिन रावत से स्पष्टीकरण मांगा. साथ ही सदस्यों ने विस्तार से प्रेजेंटेशन देने को कहा है.

लद्दाख में एलएसी पर भारत और चीन के बीच लंबे समय से चल रहे गतिरोध के बीच शुक्रवार को प्रमुख रक्षा अध्यक्ष बिपिन रावत संसद की रक्षा मामलों की स्थायी समिति के समक्ष पेश हुए. हालांकि बैठक का आधिकारिक एजेंडा 'सैन्य बलों, विशेषकर सीमा क्षेत्रों में, के लिए राशन के सामान और वर्दी का प्रावधान और इसकी गुणवत्ता की निगरानी' के तौर पर सूचीबद्ध किया गया था, लेकिन कुछ सदस्यों ने कहा कि वह लद्दाख की स्थिति का मामला भी उठाएंगे. संसद की रक्षा मामलों की स्थायी समिति के अध्यक्ष भाजपा नेता जोएल ओराम हैं.

समिति की शुक्रवार को हुई बैठक में जो सदस्य शामिल हुए उनमें राकांपा प्रमुख शरद पवार और कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी शामिल हैं. पिछले साल लोकसभा चुनाव के बाद इस समिति में नामित किए जाने के बाद से राहुल गांधी संभवतः पहली बार इसकी बैठक में शामिल हुए हैं.

इससे पहले दिन में पवार ने संवाददाताओं से कहा था कि वह लद्दाख में एलएसी पर स्थिति को लेकर सदस्यों के समक्ष एक प्रस्तुतीकरण देने के लिए कहेंगे. हालांकि भारतीय सेना और चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के बीच मई की शुरुआत से पूर्वी लद्दाख में एलएसी के पास कई स्थानों पर तनावपूर्ण गतिरोध बना हुआ है. एलएसी पर 45 साल में पहली बार सोमवार को गोलीबारी हुई.

दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर हवा में गोलीबारी करने का आरोप लगाया. हालांकि विदेश मंत्री एस जयशंकर और उनके चीनी समकक्ष वांग यी के बीच बृहस्पतिवार शाम को हुई वार्ता के बाद दोनों देश एक समझौते पर सहमत हुए हैं. इसके पांच सूत्री खाके में सैनिकों की तत्काल वापसी और चार माह पुराने गतिरोध के हल को लेकर तनाव बढ़ाने वाले किसी कदम से बचना शामिल है.

साथ ही यह भी रेखांकित किया गया कि सीमा पर वर्तमान स्थिति किसी भी पक्ष के हित में नहीं है. सरकारी सूत्रों ने कहा कि भारतीय पक्ष ने लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन की तरफ भारी संख्या में सैनिकों और सैन्य साजो सामान की तैनाती का मुद्दा भी मजबूती से उठाया और अपनी चिंताएं जाहिर की. सूत्र ने शुक्रवार को कहा कि चीनी पक्ष सैनिकों की तैनाती को लेकर कोई पुख्ता स्पष्टीकरण पेश नहीं कर सका.

बता दें कि इससे पहले इस विवाद को निपटारे के लिए लद्दाख के चुशुल में भारतीय सेना और चीनी सेना ने शुक्रवार को ब्रिगेड-कमांडर स्तर की वार्ता की. बैठक सुबह 11 बजे शुरू हुई और लगभग 3 बजे समाप्त हुई. भारतीय सेना चीन की हर चाल को जवाब दे रही है. चीन और भारत के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर हालात बेहद खतरनाक स्थिति में हैं. दोनों ही देशों की सेनाएं तोपों-टैकों और तमाम हथियारों को साथ लिए आमने-सामने खड़ी हैं.

चीन बौखला गया है और उकसावे की कार्रवाई करने की चाल चल रहा

बार-बार चीन धोखेबाजी कर भारतीय सरहद में घुसपैठ की कोशिश कर रहा है. लेकिन चीन की हर चालबाजी भारतीय जाबांजों के आगे नाकाम हो रही है. ऐसे में चीन बौखलाया है और उकसावे की कार्रवाई करने की चाल चल रहा है तो भारत भी उसके नापाक मंसूबों का जवाब देने के लिए पूरी तरह से तैयार है. पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन में तनातनी के बीच देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defense Minister Rajnath Singh) हाईलेवल मीटिंग कर रहे हैं. दिल्ली में यह अहम बैठक हो रही है. जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल (Ajit Doval), सीडीएस जनरल बिपिन रावत (Bipin Rawat) शामिल हैं. इसके अलावा तीनों सेनाओं के प्रमुख भी बैठक में मौजूद हैं. कहा जा रहा है कि बैठक में चीन के साथ आगे की रणनीति को लेकर चर्चा हो रही है.

आर्थिक ताकत के गुमान में चीन दादागिरी दिखा रहा है

चीन (China) को सबक सिखाने के लिए कोई निर्णय लिया जा सकता है. उल्लेखनीय है कि सरहद पर भी दोनों देशों के सैन्य अधिकारी लगातार वार्ता कर रहे हैं, मगर हर बार चीन धोखा दे देता है. अपनी सामरिक और आर्थिक ताकत के गुमान में चीन दादागिरी दिखा रहा है. पैंगोंग झील (Pangong Lake) के उत्तर और दक्षिण तट पर चीनी सैनिकों और वाहनों की आवाजाही दिखाई दे रही है. कुछ जगहों पर भारी-भरकम हथियारबंद सैनिक भारतीय जवानों (India troops) के नजदीक ही हैं. इन चौकियों पर सेना हाई अलर्ट पर नहीं है. भारतीय सेना ने स्पष्ट रूप से कहा है कि अगर चीनी सैनिक भड़काऊ सैन्य कदम उठाते हैं तो उनकी सेना जवाबी कार्रवाई करेगी.