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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन को लेकर संसद में कही ये बड़ी बातें, पढ़ें Points में

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने लोकसभा में मंगलवार को चीन से जारी तनाव पर बड़ा बयान दिया. इस दौरान उन्होंने अप्रैल के बाद से सीमा पर किस तरह चीनी सेना ने हरकत की, उसकी पूरी विस्तृत जानकारी दी.

Updated on: 15 Sep 2020, 05:51 PM

नई दिल्‍ली:

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने लोकसभा में मंगलवार को चीन से जारी तनाव पर बड़ा बयान दिया. इस दौरान उन्होंने अप्रैल के बाद से सीमा पर किस तरह चीनी सेना ने हरकत की, उसकी पूरी विस्तृत जानकारी दी. उन्होंने बताया कि अप्रैल से लेकर अब तक चीन की ओर से कई बार घुसपैठ का प्रयास किया गया है. लोकसभा में चीन को लेकर रक्षा मंत्री ने ये 20 बड़ी बातें कही...

  • रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री ने हाल ही में लद्दाख का दौरा कर हमारे बहादुर जवानों से मुलाकात की थी एवं उन्हें यह संदेश भी दिया था कि समस्त देशवासी अपने वीर जवानों के साथ खड़े हैं.
  • आप जानते हैं कि कर्नल संतोष बाबू और उनके 19 वीर साथियों ने अपनी मातृभूमि की रक्षा करते हुए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है. अध्यक्ष महोदय, कल ही इस सदन ने दो मिनट मौन रखकर उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की है.
  • रक्षा मंत्री बोले- भारत तथा चीन, दोनों ने, औपचारिक तौर पर यह माना है कि सीमा का प्रश्न (Boundary question) एक जटिल मुद्दा है जिसके समाधान के लिए धैर्य की आवश्यकता है तथा इस मुद्दे का fair, reasonable और mutually acceptable समाधान, शांतिपूर्ण बातचीत के द्वारा निकाला जाए.
  • यह भी बताना चाहता हूं कि अभी तक भारत-चीन (India-China) के सीमा एरिया में commonly delineated Line of Actual Control (LAC) नहीं है और LAC को लेकर दोनों का perception अलग-अलग है. इसलिए peace और tranquillity बहाल रखने के लिए दोनों देशों के बीच कई तरह के agreements और protocols हैं. 
  • भारत का मानना है कि, bilateral relations को विकसित किया जा सकता है, तथा साथ ही साथ boundary मुद्दे के समाधान के बारे में चर्चा भी की जा सकती है, परंतु LAC पर peace और tranquillity में किसी भी प्रकार की गम्भीर स्थिति का bilateral relations पर निश्चित रूप से असर पड़ेगा. 
  • रक्षा मंत्री ने कहा कि समझौते में यह भी है, कि जब तक boundary issue का पूर्ण समाधान नहीं होता है, तब तक LAC को strictly respect और adhere किया जाएगा और उसका उल्लंघन नहीं किया जाएगा.
  • अप्रैल से Eastern Ladakh की सीमा पर चीन की सेनाओं की संख्या तथा उनके armaments में वृद्धि देखी गई. मई की के प्रारंभ में चीन ने गलवान घाटी क्षेत्र में हमारी troops के normal, traditional patrolling pattern में व्यवधान शुरू किया जिसके कारण face-off की स्तिथि उत्पन्न हुई.
  • हमने चीन को diplomatic तथा military channels के माध्यम से यह अवगत करा दिया, कि इस प्रकार की गतिविधियां, status quo को unilaterally बदलने का प्रयास है. यह भी साफ कर दिया गया कि ये प्रयास हमें किसी भी सूरत में मंजूर नहीं है.
  • LAC पर friction बढ़ता हुआ देख कर दोनों तरफ के सैन्य कमांडरों ने 6 जून 2020 को मीटिंग की. इस बात पर सहमति बनी कि reciprocal actions के द्वारा disengagement किया जाए. दोनों पक्ष इस बात पर भी सहमत हुए कि LAC को माना जाएगा तथा कोई ऐसी कार्रवाई नहीं की जाएगी, जिससे status-quo बदले.
  • इस सहमति के violation में चीन द्वारा एक violent face off की स्थिति 15 जून को गलवान में create की गई. 
  • मैं सदन से यह अनुरोध करता हूं कि हमारे दिलेरों की वीरता एवं बहादुरी की भूरि-भूरि प्रशंसा करने में मेरा साथ दें. 
  • चूंकि हम मौजूदा स्थिति का dialogue के जरिए समाधान चाहते हैं, हमने Chinese side के साथ diplomatic और military engagement बनाए रखा है. 
  • जब ये discussions चल ही रहे थे, चीन की तरफ से 29 और 30 अगस्त की रात को provocative सैनिक कार्रवाई की गई, जो Pangong Lake के South Bank area में status quo को बदलने का प्रयास था, लेकिन एक बार फिर हमारी सेना द्वारा timely और firm actions के कारण उनके ये प्रयास सफल नहीं हुए. 
  • LAC का सम्मान करना और उसका कड़ाई से पालन किया जाना, सीमा क्षेत्रों में शांति और सद्भाव का आधार है, और इसे 1993 एवं 1996 के समझौतों में स्पष्ट रूप से स्वीकार किया गया है, जबकि हमारी armed forces इसका पूरी तरह पालन करती हैं, Chinese side की ओर से ऐसा नहीं हुआ है. अभी की स्थिति के अनुसार, Chinese side ने LAC और अंदरूनी क्षेत्रों में बड़ी संख्या में सैनिक टुकड़ियां और गोलाबारूद mobilize किया हुआ है. पूर्वी लद्दाख और Gogra, Kongka La और Pangong Lake का North और South Banks पर कई friction areas हैं.
  • चीन की कार्रवाई के जवाब में हमारी armed forces ने भी इन क्षेत्रों में उपयुक्त counter deployments किए हैं ताकि भारत के security interests पूरी तरह सुरक्षित रहे. सदन को आश्वस्त रहना चाहिए कि हमारी armed forces इस चुनौती का सफलता से सामना करेंगी, और इसके लिए हमें उनपर गर्व है.
  • अभी जो स्थिति बनी हुई है उसमें sensitive operational issues शामिल है, इसलिए मैं इस बारे में ज्यादा ब्यौरा का खुलासा नहीं करना चाहूंगा.
  • भारत border areas में मौजूदा मुद्दों का हल, शांतिपूर्ण बातचीत और consultation के जरिए किए जाने के प्रति committed है. इस उद्देश्य को पाने के लिए मैं अपने Chinese counterpart से 4 सितंबर को Moscow में मिला और उनसे हमारी in-depth discussion हुई. 
  • मैंने यह भी स्पष्ट किया, कि हम इस मुद्दे को शांतिपूर्ण ढंग से हल करना चाहते हैं और हम चाहते हैं कि चीनी पक्ष हमारे साथ मिलकर काम करें. वहीं, हमने यह भी स्ष्ट कर दिया कि हम भारत की sovereignty और territorial integrity की रक्षा के लिए पूरी तरह से determined हैं. जैसे कि सदस्यों को जानकारी है, बीते समय में भी चीन के साथ हमारे border areas में लंबे stand-offs की स्थिति कई बार बनी है जिसका शांतिपूर्ण तरीके से समाधान किया गया था.
  • हालांकि, इस वर्ष की स्थिति, वह पहले से बहुत अलग है, फिर भी हम मौजूदा स्थिति के शांतिपूर्ण समाधान के प्रति committed हैं. इसके साथ-साथ मैं सदन को आश्वस्त करना चाहता हूं कि हम सभी परिस्थितियों से निपटने के लिए तैयार हैं. 
  • मैं आपको यह विश्वास दिलाना चाहता हूं कि हमारे armed forces के जवानों का जोश एवं हौसला बुलंद है. माननीय प्रधानमंत्री जी के बहादुर जवानों के बीच जाने के बाद हमारे कमांडर तथा जवानों में यह संदेश गया है कि देश के 130 करोड़ देशवासी जवानों के साथ हैं. 
  • मैं इस सदन से यह आग्रह करना चाहता हूं कि हमें एक resolution पारित करना चाहिए कि हम अपने वीर जवानों के साथ कदम-से-कदम मिलाकर खड़े हैं, जो कि अपनी जान की बगैर परवाह किए हुए देश की चोटियों की उचाईयों पर विषम परिस्थितियों के बावजूद भारत माता की रक्षा कर रहे हैं.