रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रूसी रक्षा उद्योग से भारतीय सैन्य साजो सामान और उपकरणों के विनिर्माण को आधुनिक बनाने के लिए संयुक्त रूप से काम करने की मंगलवार को अपील की. राजनाथ सिंह ने कहा कि इससे दोनों देशों द्वारा अन्य देशों को किए जाने वाले निर्यात को बढ़ावा मिलेगा.
रक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार ‘मेक इन इंडिया’ पहल का इस्तेमाल करने के लिए मूल उपकरण विनिर्माताओं (ओईएम) को प्रोत्साहित कर रही है.
सिंह रूसी उद्योग और व्यापार मंत्री डेनिस मन्तुरोव के साथ ‘भारत-रूस रक्षा उद्योग सहयोग सम्मेलन’ का संयुक्त रूप से उद्घाटन करने के बाद रूसी रक्षा उद्योग से ओईएम के सीईओ को संबोधित कर रहे थे.
उन्होंने बड़ी कंपनियों से व्यापार करने को आसान बनाने के लिए किए गए सुधार और रक्षा विनिर्माण क्षेत्र को विदेशी भागीदारों के लिए खोलने के खातिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार द्वारा किए महत्वपूर्ण आर्थिक सुधारों का उपयोग करने का अनुरोध किया. सिंह ने कहा कि हमने उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में रक्षा गलियारे बनाये हैं और निवेश के लिए आकर्षक शर्तें पेश की हैं. भारत रूस के साथ मिलकर अच्छी गुणवत्ता वाले रक्षा उपकरणों के मौके तलाशने और सह निर्माण करने के लिए तैयार है.
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उन्होंने कहा कि हम उन्नत और उभरती हुई प्रौद्योगिकी के जरिए अपने रक्षा साजो-सामान को आधुनिक करने के लिए आपका सहयोग चाहते हैं. भारतीय एमएसएमई रूसी और अन्य विदेशी कंपनियों के समर्थन से वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में पैर जमाना चाहती है.
रक्षा मंत्री तीन दिवसीय रूस के दौरे पर हैं, जहां वह सैन्य और सैन्य तकनीकी सहयोग पर भारत-रूस अंतर-सरकारी कमीशन की 19वीं बैठक की सह अध्यक्षता करेंगे.
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सिंह ने कहा, ‘हम जल्द ही रूसी पक्ष के साथ कलपुर्जों और वस्तुओं की सूची साझा करेंगे, जिन्हें भारत में निर्मित करने का प्रस्ताव है. हम निकट भविष्य में समझौते के आधार पर भारत में कई संयुक्त औद्योगिक गतिविधियों को देखने को उत्सुक हैं.’
उन्होंने अगले साल पांच से आठ फरवरी के बीच उत्तर प्रदेश के लखनऊ में होने वाले आगामी रक्षा एक्सपो 2020 में भाग लेने के लिए रूसी निर्माताओं को भी आमंत्रित किया.