बढ़ेगी नौसेना की ताकत, एंटी सबमरीन सेल के लिए हुआ सौदा

आज केंद्र सरकार ने पब्लिक सेक्टर की एक शिपयार्ड कंपनी GRSE से नौसेना के लिए एंटी सबमरीन सेल बनाने के लिए 6 हजार 311 करोड़ रुपये का डील किया है.

आज केंद्र सरकार ने पब्लिक सेक्टर की एक शिपयार्ड कंपनी GRSE से नौसेना के लिए एंटी सबमरीन सेल बनाने के लिए 6 हजार 311 करोड़ रुपये का डील किया है.

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kunal kaushal
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बढ़ेगी नौसेना की ताकत, एंटी सबमरीन सेल के लिए हुआ सौदा

समुद्र में भारतीय नौसेना की ताकत को बढ़ाने के लिए रक्षा मंत्रालय ने आज एक अहम डील की है. आज केंद्र सरकार ने पब्लिक सेक्टर की एक शिपयार्ड कंपनी GRSE से नौसेना के लिए एंटी सबमरीन सेल बनाने के लिए 6 हजार 311 करोड़ रुपये का डील किया है. इस सौदे के तहत यह कंपनी नौ सेना को दुश्मन देश के समंरीन को समंदर में ही खत्म करने के लिए सेल बनाकर देगी. बता दें कि समंरीन समुद्र में गहरे जल के नीचे चलती है और दुश्मन देश की जल में होने वाले हर गतिविधि पर छिपकर नजर रखती है. समंरीन के जरिए किसी भी खतरें की हालत में दुश्मन के जहाज या फिर समंरीन को उड़ाने की पूरी झमता होती है जो पानी के अंदर समंरीन से फायर किए जाने वाले शेल के जरिए की जाती है.

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भारतीय नौसेना (Indian Navy) ने आईएनएस इंफाल (INS Imphal) को अत्याधुनिक हथियारों से लैस कर लांचिंग कर दी. शनिवार को भारतीय नौसेना ने इसे समुद्र में उतार दिया, नौसेना ने इस युद्धपोत को मुंबई के मंझगांव डॉक्स से पानी में उतारा. यह युद्धपोत फिलहाल 3037 टन का है जो कि गाइडेड मिसाइलों को ध्वस्त करने में माहिर है और इसे भारत में ही डिजाइन करके बनाया गया है. आने वाले दिनों में इस पोत को अत्याधुनिक हथियारों और ताकतवर ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों से लैस किया जाएगा. तब इसका वजन 7,300 टन तक पहुंच जाएगा.

साल 2021 में नौसेना अपने बेड़े करेगी मे शामिल

आईएनएस इंफाल प्रोजेक्ट 15 बी (Project 15B) के तहत बना तीसरा युद्धपोत है. इसके पहले साल 2015 और साल 2016 में दो युद्धपोत क्रमश: विशाखापत्तनम और मोरमुगाओ बंदरगाह पर समुद्र में उतारे गए थे. साल 2021 में इन तीनों नौसेना इन तीनों युद्धपोतों को अपने बेड़े में शामिल कर लेगी. जल्दी ही यह युद्धपोत भी आईएनएस मुंबई, आईएनएस दिल्ली, आईएनएस कोलकाता, आईएनएस मैसूर, आईएनएस कोच्चि और आईएनएस चैन्ने की जमात में शामिल कर लिया जाएगा.

इस मौके पर नौसेना प्रमुख एडमिरल लांबा और उनकी पत्नी रीना लांबा भी मौजूद थे. उन्होंने मझगांव डॉक लिमिटेड, नौसेना, डीआरडीओ, आयुध निर्माणियों और रक्षा क्षेत्र के उपक्रमों की सराहना करते हुए कहा कि ये देश की राष्ट्रीय सामरिक समुद्री सुरक्षा की जरूरतों को पूरा करने में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। एक अन्य नौसेना अधिकारी के अनुसार, जिन विध्वंसक हथियारों या युद्धपोतों का निर्माण देश में किया जाता है, परंपरा के मुताबिक, उनका नाम या तो राज्य की राजधानी या फिर बड़े शहर के नाम पर रखा जाता है। ये आईएनएस विध्वंसक साइज और विनाश करने के मामले में एयरक्राफ्ट कैरियर्स के बाद दूसरे नंबर पर आते हैं।'

जानिए IANS Imphal की खास बातें
1-IANS Imphal दुनिया के दूसरे देशों में निर्मित अपनी श्रेणी के युद्धपोतों को हर मामले में टक्कर देने में सक्षम है. इसकी लंबाई 163 मीटर और चौड़ाई 17.4 मीटर है. 

2- 4 गैस टरबाइन से चलने वाला यह पोत 30 नॉट की गति से आगे बढ़ सकता है. इसके अलावा एक साथ इस पर 2 हेलिकाप्टरों को तैनाती हो सकती है. 

3- इसके अलावा यह न सिर्फ गाइडेड मिसाइलों को ध्वस्त कर सकता है बल्कि उन्हें चकमा भी दे सकता है. भारतीय नौसेना के पास फिलहाल 140 युद्धपोत, 220 एयरक्राफ्ट हैं और 32 युद्धपोतों का अभी निर्माण चल रहा है.  

Source : News Nation Bureau

Defence Ministry anti submarine shallow
      
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