रक्षा मंत्रालय 9,435 करोड़ रुपये के लाइट मशीन गन और बैटल कारबाइन के खरीद की मज़ूरी दी है। इससे चीन और पाकिस्तान की सीमापर तैनात भारतीय सेना के जवानों को ताकत मिलेगी।
इस प्रस्ताव को डिफेंस एक्वीजिशन काउंसिल (डीएसी) ने पास किया था। जो रक्षा मंत्रालय की उच्चस्तरीय संस्था है जो हथियारों की खरीद को मंजूरी देती है।
रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि 41,000 लाइट मशीन गन की खरीद में 3,000 करोड़ का खर्च आएगा। जबकि 3.5 लाख क्वार्टर बैटल कारबाइन की खरीद के लिये 4,607 करोड़ का खर्च आएगा।
अधिकारियों ने बताया कि भारत की पाकिस्तान और चीन के सीमा पर भारतीय सेना के जवानों की मारक क्षमता बढ़ाने के लिये इन हथियारों की खरीद की जा रही है।
मंत्रालय की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया, 'इन दो प्रस्तावों को मंजूरी मिलने के साथ ही सरकार ने तीनों सेनाओं के लिये पर्सनल हथियारों के प्रस्ताव को पारित कर दिया है।'
और पढ़ें: PNB घोटाला:नीरव मोदी ने जांच में शामिल होने से किया इनकार
बयान में कहा गया है, 'इससे सीमा पर तैनात सैनिकों के तात्कालिक ऑपरेशनल जरूरतों को पूरा किया जा सकेगा। इन्हें फास्ट ट्रैक प्रोक्योरमेंट के तहत खरीदा जाएगा।'
13 फरवरी को भी रक्षा मंत्रालय ने 15,935 करोड़ रुपये के हथियारों के खरीद की मंजूरी दी थी। जिसमें 7.40 लाख असॉल्ट राइफल और 5,719 स्नाइपर राइफल्स और लाइट मशीन गन की खरीद की जानी थी।
इन खरीदों में 75 फीसदी हथियार भारतीय उद्योग के माध्यम से लिये जाएंगे और 25 फीसदी हथियार को सरकारी ऑर्डनेंस फैक्ट्री बोर्ड के माध्यम से।
और पढ़ें: दुनिया का सबसे तेजी से बढ़ने वाला अर्थव्यवस्था बना भारत, चीन भी पीछे
Source : News Nation Bureau