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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का कल होने वाला लद्दाख दौरा रद्द

भारत और चीन के बीच इन दिनों बेहद तनावपूर्ण हालात हैं. एक तरफ जहां भारतीय बाजारों में चीनी प्रोड्क्ट और चीनी मोबाइल ऐप पर प्रतिबंध की बात चर्चा में हैं तो वहीं बॉर्डर पर भी सेना अपनी तैयारियों में जुटी हुई है

Updated on: 02 Jul 2020, 01:48 PM

नई दिल्ली:

भारत और चीन के बीच इन दिनों बेहद तनावपूर्ण हालात हैं. एक तरफ जहां भारतीय बाजारों में चीनी प्रोड्क्ट और चीनी मोबाइल ऐप पर प्रतिबंध की बात चर्चा में हैं तो वहीं बॉर्डर पर भी सेना अपनी तैयारियों में जुटी हुई है.  इस बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह कल यानी शुक्रवार को लद्दाख जाने वाले थे हालांकि अब खबर है कि उनका ये दौरा रद्द हो गया है. दरअसल राजनाथ सिंह लद्दाख दौरे पर ऐसे समय पर ाने वाले थे हैं जब चीन ने हाल ही में पीओके में दो बटालियन तैनात की हैं.  बताया जा रहा है कि राजनाथ सिंह इस दौरे के दौरान गलवान घाटी  की हिंसक झड़प में घायल हुए जवानों से भी मुलाकात करने वाले थे, हालांकि अब उनका ये दौरा रद्द हो गया है. 

बता दें, इससे पहले मंगलवार को पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर जारी गतिरोध के बीच दोनों पक्षों के बीच बातचीत के जरिए तनाव कम करने के लिए कई मद्दों पर सहमति बनी. चीन की सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स (Global Times) ने दावा किया कि दोनों देश चरणबद्ध तरीके से सैनिकों को हटाने के लिए हो गए हैं. दोनों देशों के बीच इस बात पर भी सहमति बन गई है कि गलवान (Galwan Valley) जैसी हिंसक झड़प फिर से नहीं दोहराई जाएगी.

पैंगोंग सो का मामला अभी भी अटका

जानकारी के मुताबिक भारत और चीन (India-China Standoff) एक बार फिर गलवान घाटी (Galwan Valley) और गोगरा हॉट स्प्रिंग (Gogra Hot Springs) पर शांतिपूर्ण हल के लिए तैयार हो गए हैं. इससे पहले भी दोनों देशों के बीच हुई सैन्य वार्ता के दौरान पहले की स्थिति पर लौटने की सहमति बनी थी लेकिन तब चीनी सैनिकों द्वारा समझौते का पालन नहीं करने के चलते तनाव बढ़ गया था. हालांकि पैंगोंग सो (झील) को लेकर कोई कामयाबी नहीं मिली है, दोनों देशों में इस इलाके को लेकर जो टकराव है उस पर अभी कोई स्थिति साफ नहीं दिख रही है.

इन मुद्दों पर बनी बात

मंगलवार को दोनों देशों के बीच हुई कोर कमांडर लेवल की बातचीत चीन के कोर कमांडर मेजर जनरल लिउ लिन और भारत के कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरेंदर सिंह शामिल हुए. दोनों के बीच करीब करीब 12 घंटों तक बातचीत हुई. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दोनों देश ने 15 जून जैसी खूनी भिड़ंत फिर ना करने पर सहमति बनाई है.