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रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण (फाइल फोटो)
रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि हथियारों की कमी को लेकर सीएजी रिपोर्ट पर उन्होंने कोई बयान नहीं दिया है। मीडिया ने उनके बयानों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया।
रक्षा मंत्री ने कहा कि एक पत्रकार से बातचीत में उन्होंने आर्मी के लिए हथियारों की उपलब्धता का जिक्र किया था, लेकिन नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट पर उन्होंने एक शब्द भी नहीं कहा था।
सीतारमण ने कहा, 'मैंने कैग की बात नहीं की थी। आप अपने शब्दों को मेरे मुंह में नहीं डालिए।'
"Didn't mention CAG,don't put words in my mouth" says Def Min on media report quoting her saying CAG report on ammo shortage factually wrong pic.twitter.com/7CF1aSmqP2
— ANI (@ANI) September 11, 2017
दरअसल इससे पहले खबर आई थी की निर्मला सीतारमण ने हथियारों की कमी पर सीएजी रिपोर्ट को गलत ठहराया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सीएजी की रिपोर्ट पर सीतारमण ने कहा था, 'यह गलत तथ्य है। इस पर चर्चा करना अनावश्यक होगा, जिसमें सेनाओं के पास युद्ध की स्थिति में मात्र दस दिन के लिए गोलाबारूद होने की बात कही गई थी।'
उन्होंने कहा कि रक्षामंत्री का पदभार संभालने के बाद उन्होंने इस मामले में वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों, विशेषज्ञों से चर्चा की है।
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जुलाई में सीएजी ने रिपोर्ट दिया था जिसमें कहा गया था कि भारतीय सेना गोला-बारूद की भयंकर कमी से जूझ रही है, खासकर तोपों के गोलों की भारी कमी है। युद्ध के 152 प्रकार के विस्फोटकों में से 121 पूर्ण युद्ध लड़ने के लिए न्यूनतम स्तर की जरूरत को भी पूरा नहीं कर पाती है।
सेना एवं आयुध फैक्ट्रियों पर संसद में पेश अपनी हालिया रिपोर्ट में सीएजी ने कहा था कि युद्ध अपव्यय रिजर्व (डब्ल्यूडब्ल्यूआर) में पिछले कुछ वर्षो में कोई उल्लेखनीय प्रगति नहीं हुई। डब्ल्यूडब्ल्यूआर के तहत पूर्ण युद्ध के लिए 40 दिनों के गोला-बारूद के संग्रह की जरूरत होती है।
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Source : News Nation Bureau