रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के विवादित बयान को लेकर पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिव शंकर मेनन ने आपत्ति ज़ाहिर की है। एक टीवी प्रोग्राम के दौरान मेनन ने कहा रक्षा मंत्री को न्यूक्लियर पॉलिसी पर सार्वजनिक रूप से अपनी राय नहीं रखनी चाहिए थी। वो भी तब जब इस मुद्दे को लेकर सरकार का रुख़ अलग हो।
दरअसल पर्रिकर ने अंतिम सप्ताह में आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा था कि 'पहले परमाणु हमला नहीं करेंगे' के बजाय ऐसा क्यों न कहा जाय कि हम ज़िम्मेदार देश हैं और हम परमाणु हथियार का उपयोग ज़िम्मेदारी से करेंगे।
उन्होंने कहा कि मैं अपने आप को क्यों बांधूं, हमें कहना चाहिए कि हम एक ज़िम्मेदार देश हैं और ज़िम्मेदारी से इसका प्रयोग करेंगे। हालांकि साथ ही उन्होंने ये बात भी जोड़ दी थी की ये पार्टी की नहीं उनकी अपनी राय है।
ज़ाहिर है 1998 में भारत ने पोखरण टेस्ट के बाद घोषणा किया था कि वो 'पहले परमाणु हमला नहीं करेंगे' वाली पालिसी को मानेंगे।
मेनन ने पर्रिकर के बयान का मुल्यांकन करते हुए कहा कि इस पॉलिसी को बदलने से दोनों देशों का नुकसान होगा और रक्षा मंत्री को सार्वजनिक जगहों पर अपनी निजी राय नहीं रखनी चाहिए थी।
Source : News Nation Bureau