मोदी सरकार ने रक्षा बजट को 2 लाख 67 हजार करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2 लाख 82 हजार करोड़ रुपये कर दिया है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को लोकसभा में बजट पेश करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर में दो डिफेंस इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन कॉरीडोर की स्थापना की जाएगी।
जेटली ने कहा कि सरकार 2018 में उद्योग अनुकूल रक्षा उत्पादन नीति लाने जा रही है, जिसके जरिए सार्वजनिक क्षेत्र, निजी क्षेत्र और एमएसएमई द्वारा घरेलू उत्पादन को बढ़ावा दिया जाएगा।
उन्होंने कहा, 'जब राजग (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) सरकार सत्ता में आई तब रक्षा बलों की क्षमता को बेहतर और आधुनिक बनाने के लिए काफी जोर दिया गया। हमारी रक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए देश को आत्मनिर्भर बनाने और प्राथमिकता वाले क्षेत्रों को पर्याप्त बजट समर्थन सुनिश्चित करने में सक्षम आंतरिक सुरक्षा उत्पादन को विकसित और पोषण करने के लिए कई पहलें की गई हैं।'
बजट की हर बड़ी खबर के लिए यहां क्लिक करें
उन्होंने कहा, 'रक्षा उत्पादन में हमने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को उदार बनाने समेत निजी निवेश को मंजूरी दी है।'
पिछली बार वित्त मंत्री ने देश के रक्षा बजट के लिए 2,74,114.12 करोड़ रुपये का आवंटन किया था। 2016-17 के मुकाबले 2017-18 के बजट में सरकार ने मामूली 6 फीसदी का इजाफा किया था।
और पढ़ें: मध्यम वर्ग को झटका, इनकम टैक्स में राहत नहीं - LTCG पर लगा 10% टैक्स
हालांकि इस आवंटन में डिफेंस पेंशन को शामिल नहीं किया गया था। हथियारों की खरीद के लिए इसमें से 86,488 करोड़ रुपये का आवंट किया गया था जबकि पिछले वित्त वर्ष यानी 2015-16 में यह रकम 78,586 करोड़ रुपये थी।
गौरतलब है कि रक्षा मंत्रालय की समिति देश के जीडीपी के मुकाबले बजट को 2.5 फीसदी रखने की सिफारिश कर चुकी है ताकि हथियारों की कमी और उसकी खरीद में तेजी लाई जा सके। पिछले साल का रक्षा बजट देश के कुल जीडीपी का 1.62 फीसदी था।
और पढ़ें: पीएम मोदी बोले, 'न्यू इंडिया' के सपने को साकार करने वाला है बजट
HIGHLIGHTS
- रक्षा बजट को 2 लाख 67 हजार करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2 लाख 82 हजार करोड़ रुपये किया गया
- जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर में दो डिफेंस इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन कॉरीडोर की स्थापना की जाएगी
Source : News Nation Bureau