डीडीसीए मानहानि केस में बुधवार को सुनवाई दिल्ली हाईकोर्ट में हुई। इस दौरान केजरीवाल के वकील राम जेठमलानी ने सुनवाई के दौरान जेटली के खिलाफ कई आपत्तिजनक शब्द इस्तेमाल किए गए। जिसके बाद जेटली ने कहा, 'अगर ऐसा है तो मैं प्रतिवादी (केजरीवाल) के खिलाफ आरोपों को बढ़ा दूंगा।'
राम जेठमलानी के इस बयान के बाद कोर्ट में दोनों पक्षों के वकीलों ने जमकर हंगामा किया। हंगामें के बाद दोनों पक्षों के बीच करीब 45 मिनट तक तीखी बहस हुई। जिसके बाद सुनवाई को 28 जुलाई तक के लिए टाल दिया गया।
केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली और वरिष्ठ अधिवक्ता राम जेठमलानी के बीच गुरुवार को दिल्ली हाई कोर्ट में तीखी बहस हुई। यह बहस दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मानहानि के मामले में जेटली से जिरह के दौरान हुई।
और पढ़ें: कुलभूषण जाधव को मिलेगी फांसी या जीवनदान, आईसीजे आज सुनाएगा फैसला
सुनवाई के दौरान केजरीवाल और आम आदमी पार्टी (आप) के अन्य नेताओं के खिलाफ दायर 10 करोड़ रुपये के मानहानि के मुकदमे में जेटली का बयान दर्ज नहीं हो सका। वित्त मंत्री ने मुख्यमंत्री का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील जेठमलानी द्वारा उनके खिलाफ यूज किए गए शब्द पर आपत्ति जताई।
इस दौरान संयुक्त रजिस्ट्रार दीपाली शर्मा के सामने उपस्थित वित्त मंत्री जेटली अपना आपा खो बैठे और जेठमलानी से पूछा कि क्या केजरीवाल से निर्देश लेकर उनके खिलाफ इस शब्द का इस्तेमाल किया गया।
और पढ़ें: तीन तलाक इस्लाम का मौलिक हिस्सा नहीं, सुप्रीम कोर्ट में केंद्र ने कहा
जेटली के वकील राजीव नायर और संदीप सेठी ने भी कहा कि जेठमलानी अपमानजनक सवाल कर रहे हैं और उन्हें खुद को अप्रासंगिक सवाल पूछने से संयमित करना चाहिए क्योंकि 'यह मामला अरुण जेटली बनाम अरविंद केजरीवाल है और यह राम जेठमलानी बनाम अरुण जेटली नहीं है।'
Source : News Nation Bureau