भाजपा और झामुमो के बीच हाल ही में हुई दोस्ती के बाद झारखंड की राजनीतिक स्थिति महाराष्ट्र की तरह होने की संभावना को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं।
झारखंड के भाजपा नेताओं ने हाल के राजनीतिक घटनाक्रमों के बीच राष्ट्रीय राजधानी में डेरा डाला है। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर अपनी पार्टी का समर्थन एनडीए की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को समर्थन दिया था।
इस सप्ताह की शुरूआत में सोरेन ने राज्य के देवघर हवाईअड्डे के उद्घाटन के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मंच साझा किया था।
देवघर हवाईअड्डे के उद्घाटन समारोह के दौरान मोदी ने झामुमो के नेतृत्व वाली झारखंड सरकार के खिलाफ कुछ नहीं कहा और मुख्यमंत्री सोरेन ने भी सिर्फ प्रधानमंत्री की तारीफ की।
मुख्यमंत्री सोरेन ने कहा था कि अगर उन्हें केंद्र से समर्थन मिलता है, तो झारखंड अगले पांच वर्षों में एक विकसित राज्य होगा।
हाल ही में दोनों पार्टियों के बीच हुई दोस्ती ने इन अटकलों को हवा दी है कि झामुमो भाजपा के करीब हो रहा है।
भाजपा के एक अधिकारी ने कहा, सत्तारूढ़ गठबंधन में तनाव के बीच, राष्ट्रीय राजधानी में मुख्यमंत्री और शाह की पिछले महीने की बैठक के बाद राजनीतिक गलियारा अफवाहों से गूंजने लगा। हाल के घटनाक्रमों से अटकलें तेज हो जाती हैं, लेकिन राजनीति में सब कुछ संभव है और कुछ भी खारिज नहीं किया जा सकता है। हम भविष्य में राज्य में झामुमो-भाजपा सरकार की संभावना से इंकार नहीं कर सकते हैं।
राज्यसभा सदस्य और झारखंड भाजपा अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने हालांकि आईएएनएस से कहा कि यह सब अटकलें हैं। उन्होंने कहा, राष्ट्रपति चुनाव के लिए पार्टी द्वारा आयोजित एक कार्यशाला में भाग लेने के लिए कुछ वरिष्ठ नेता राष्ट्रीय राजधानी में हैं। मैं यहां संसद के आगामी सत्र में भाग लेने के लिए आया हूं। ये सभी अटकलें हैं।
सत्तारूढ़ गठबंधन में दरार हाल ही में राज्यसभा के द्विवार्षिक चुनावों के दौरान सामने आई, जब झामुमो ने उच्च सदन में एक सीट के लिए कांग्रेस की मांग को खारिज करते हुए अपना उम्मीदवार खड़ा किया। सूत्रों ने कहा कि इस असहमति से पहले भी कांग्रेस सोरेन की सरकार को लेकर सहज नहीं थी।
81 सदस्यीय झारखंड विधानसभा में झामुमो के 30, कांग्रेस के 16 और भाजपा के 25 विधायक हैं।
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Source : IANS