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दीप सिद्धू, इकबाल सिंह को क्राइम सीन रिक्रिएट करने लाल किला ले जाया गया

सिद्धू और इकबाल सिंह पुलिस रिमांड में हैं और क्राइम ब्रांच हिंसा के सभी कोणों की जांच कर रही है और यह भी जांच कर रही है कि 26 जनवरी को किसने उन्हें सहायता दी और भागने पर उन्हें शरण दी.

Updated on: 13 Feb 2021, 04:31 PM

highlights

  • दिल्ली पुलिस दीप सिद्धू और इकबाल सिंह को शनिवार को लाल किले ले गई.
  • 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हिंसा भड़कने का आरोप है.
  • अपराध शाखा यह जांच कर रही है कि कहीं यह बड़ी साजिश तो नहीं है.

 

 

नई दिल्ली:

दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा गणतंत्र दिवस पर लाल किले की हिंसा की जांच के सिलसिले में गिरफ्तार आरोपी दीप सिद्धू और इकबाल सिंह को शनिवार को लाल किले ले गई. 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हिंसा भड़कने पर क्राइम ब्रांच सिद्धू और इकबाल के लाल किले तक पहुंचने के लिए प्रयोग किए गए मार्ग का अध्ययन कर रही है. अपराध शाखा यह जांच कर रही है कि कहीं यह बड़ी साजिश तो नहीं है. पैंतालीस वर्षीय इकबाल सिंह लुधियाना का रहने वाला है. वह पंजाबी अभिनेता-कार्यकर्ता दीप सिद्धू और अन्य लोगों के साथ ट्रैक्टर रैली का हिस्सा था, जिसने कोर्स को बदल दिया था और राष्ट्रीय राजधानी में अराजकता पैदा कर दी थी.

उनके वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए, जहां उन्हें कथित तौर पर ड्यूटी पर पुलिस को धमकी देते और प्रदर्शनकारियों को उग्र स्थिति में जाने के लिए उकसाते हुए देखे गए. सिद्धू और इकबाल सिंह पुलिस रिमांड में हैं और क्राइम ब्रांच हिंसा के सभी कोणों की जांच कर रही है और यह भी जांच कर रही है कि 26 जनवरी को किसने उन्हें सहायता दी और भागने पर उन्हें शरण दी.

दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है

बता दें कि कृषि कानून के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है. ऐसे में आंदोलन को तेज और देशभर में फैलाने के लिए विभिन्न हिस्सों में महापंचायतें हो रही हैं, जिसमें राकेश टिकैत शामिल हो रहे हैं. हालांकि गाजीपुर बॉर्डर पर उनकी गैर मौजूदगी में किसानों में उत्साह कम दिखाई देने लगा है. हालांकि भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने इस पर मीडिया से बातचीत में कहा कि, ये आंदोलन जन मुक्ति आंदोलन है, लोग बंधक हैं उनको रिहा कराना है, इसी वजह से महापंचायत की जा रही है.

मेरी कोई दुनिया नहीं, मैं तो वही किसान हूं : राकेश

क्या राकेश टिकैत लोकप्रियता की वजह से अपनी एक अलग दुनिया बना रहे हैं? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि, मेरी कोई दुनिया नहीं, मैं तो वही किसान हूं और इस आंदोलन के नेता भी किसान हैं. इस पूरे सिस्टम को किसान चला रहा है. यहां किसानों में कोई नेता बनने की कोशिश करेगा तो इसका इलाज भी करेंगे. आंदोलन को 80 दिन हों चुके हैं, धीरे धीरे किसान नेताओं पर भी शिकंजा कसने लगा है, यही कारण है कि उनकी सम्पतियों पर सवाल उठने लगे हैं. इस पर टिकैत ने कहा कि, मुझे नहीं पता कितने की प्रॉपर्टी बताई गई है, मेरे पास तो कुछ नहीं है.