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दिल्ली में हुई हिंसा के आरोपी दीप सिद्धू को तीसहजारी कोर्ट से जमानत मिली

कृषि कानूनों के विरोध में किसानों द्वारा 26 जनवरी के दिन निकाली गई ट्रैक्टर परेड के दौरान लाल किले पर व दिल्ली के अंदर हुई हिंसा के मामले में मुख्य आरोपी दीप सिद्धू को अदालत ने जमानत दे दी है.

Updated on: 17 Apr 2021, 11:50 AM

नई दिल्ली:

26 जनवरी को दिल्ली में किसान ट्रैक्टर परेड के दौरान लाल किला पर हुई हिंसा में मुख्य आरोपित दीप सिद्धू को तीस हजारी कोर्ट ने शनिवार को जमानत दे दी है. आरोपित दीप सिद्धू जमानत याचिका पर दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने पिछली सुनवाई में फैसला सुरक्षित रख लिया था. इस पर शनिवार को कोर्ट ने दीप सिद्धू की जमानत मंजूर करने का फैसला सुनाया. दिल्ली पुलिस के मुताबिक, 26 जनवरी को कुछ लोगों ने लाल किले में हुई हिंसा के बाद एक धार्मिक झंडा फहराया था. उनमें से कुछ की पहचान की गई है, जिनमें से दीप सिद्धू मुख्य आरोपी है.

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हिंसा में 500 से अधिक पुलिसकर्मी हुए थे घायल 
गौरतलब है कि 26 जनवरी को हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी किसान अवरोधकों को तोड़ कर राष्ट्रीय राजधानी में दाखिल हो गए थे और आईटीओ सहित अन्य स्थानों पर उनकी पुलिस कर्मियों से झड़पें हुई थीं. कई प्रदर्शनकारी ट्रैक्टर चलाते हुए लाल किला पहुंच गए और ऐतिहासिक स्मारक में प्रवेश कर गए तथा उसकी प्राचीर पर एक धार्मिक झंडा लगा दिया. इस हिंसा में 500 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हो गए थे, जबकि एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई थी.

दिल्ली पुलिस ने इस हिंसा के सिलसिले में राकेश टिकैत, योगेंद्र यादव, राजिंदर सिंह, मेधा पाटकर, बूटा सिंह, दर्शन पाल और बलबीर सिंह राजेवाल समेत 37 किसान नेताओं के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज की है. दिल्ली पुलिस ने गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा के मामले में अब तक 152 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 124 ए (राजद्रोह) के तहत मामला दर्ज किया है और पंजाबी अभिनेता दीप सिद्धू और गैंगस्टर से सामाजिक कार्यकर्ता बने लक्खा सिधाना को मुख्य आरोपी बनाया है. 

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ज्ञात रहे कि दिल्ली की कई सीमाओं पर किसान 26 नवंबर 2020 से धरने पर बैठे हैं. किसानों की मांग है कि किसान संबंधी तीन कानून वापस लिए जाएं. दीप सिद्दू पर किसानों को गलत तरीके से सहयोग देने और 26 जनवरी के दिन लाल के किले के पास प्रदर्शनकारी लोगों को भड़काने का आरोप है. लाल किले के पास हुई इस हिंसा में बहुत सारे लोग जख्मी हुए थे. इस मामले में पुलिस ने कई किसान नेताओं को भी आरोपों के घेरे में लिया है. बहुत सारे लोगों से अभी भी पूछताछ जारी है. इस घटना में कई पुलिसकर्मी गंभीर रूप से जख्मी हुए थे.