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कौशल विकास: उत्तर पूर्व के आठ राज्यों को रोजगार से जोड़ने का प्रयास

कौशल विकास: उत्तर पूर्व के आठ राज्यों को रोजगार से जोड़ने का प्रयास

Updated on: 26 Sep 2021, 12:30 PM

नई दिल्ली:

कौशल विकास मंत्रालय भारत के उत्तर पूर्वी राज्यों के युवाओं को कई विशेष प्रकार का प्रशिक्षण प्रदान कर रहा है। यह प्रशिक्षण उत्तर पूर्वी राज्यों की आवश्यकता अनुरुप डिजाइन किया गया है।

ऐसे ही प्रयास के अंतर्गत भारतीय उद्यमिता संस्थान (आईआईई), गुवाहाटी में लघु और सूक्ष्म उद्यमों (एसएमई) में प्रशिक्षण, अनुसंधान और परामर्श गतिविधियां प्रदान कर रहा है। आईआईई द्वारा संचालित 6700 से अधिक कार्यक्रमों के माध्यम से अब तक लगभग 2.5 लाख व्यक्तियों को प्रशिक्षित किया गया है।

केंद्रीय शिक्षा एवं कौशल विकास मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मुताबिक रोजगार योग्य और प्रतिस्पर्धी मानव संसाधन तैयार करने के लिए भारत सरकार व्यावसायिक और कौशल आधारित शिक्षा को प्राथमिकता दे रही है। फिलहाल देश में 10,859 से अधिक व्यावसायिक स्कूलों में 13 लाख से अधिक छात्र व्यावसायिक प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं।

कौशल विकास मंत्रालय के मुताबिक 12 सौ से ज्यादा उच्च शिक्षण संस्थानों में कौशल विकास से जुड़े सैकड़ों नए पाठ्यक्रमों को मंजूरी दी गई है।

पूर्वोत्तर राज्यों में 100 फीसदी केंद्रीय वित्त पोषण के साथ प्रति आईटीआई में तीन नए ट्रेडों की शुरूआत करके 22 आईटीआई का उन्नयन किया गया है। इसके तहत नए छात्रावासो का निर्माण करके और 100 केंद्रीय वित्त पोषण के साथ पुराने और अप्रचलित उपकरणों और उपकरणों को पूरक करके 28 आईटीआई में बुनियादी ढांचे की कमी को पूरा किया जा रहा है।

इन कोर्स में मुख्य रूप से सोलर टेक्नीशियन, बंबू उद्योग, स्मार्ट एग्रीकल्चर, स्मार्ट सिटी, पुरातन खिलौने, कृषि आधारित व्यवसायिक उत्पाद, पर्यटन संबंधी प्रशिक्षण, पुरानी इमारतों, मंदिरों के संबंध में पर्यटन संबंधी प्रशिक्षण समेत अन्य कई कोर्स शामिल हैं।

साथ ही 90 प्रतिशत केंद्रीय और 10 प्रतिशत राज्य वित्त पोषण के साथ 8 पूर्वोत्तर राज्यों में 34 नए आईटीआई की स्थापना की जा रही है। इस योजना की कुल लागत 420.24 करोड़ रुपये है।

पूर्वोत्तर के आठों राज्यों असम, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मिजोरम, मणिपुर, त्रिपुरा और सिक्किम के लिए 385.97 करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं।

प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना -3.0 को प्रभावी तौर पर लागू करने के लिए और राज्य कुशलता विकास मिशन (एसएसडीएमएस) और जिला कुशलता समितियों (डीएससी) को संवेदनशील बनाने के लिए सिक्किम के गंगटोक में एक क्षेत्रीय कार्यशाला भी आयोजित की गई है। इस कार्यशाला में उत्तर पूर्व के सभी आठों राज्य अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड, सिक्किम और त्रिपुरा की भागीदारी रही।

प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना-3.0 का लक्ष्य योजना अवधि 2020-21 के दौरान 948.90 करोड़ रुपये की लागत से 8 लाख युवाओं को इसका लाभ पहुंचाना है।

कौशल विकास मंत्रालय ने आधिकारिक जानकारी देते हुए बताया कि उत्तर-पूर्व भारत के सभी 8 राज्यों में युवाओं को प्रशिक्षण देने के लिए 66 पॉलिटेक्निक स्थापित किए जा रहे हैं।

इनमें से अरुणाचल प्रदेश में 14, असम में 21 मणिपुर में 8,मेघालय में चार, मिजोरम में छह, नागालैंड में आठ, सिक्किम में दो और त्रिपुरा में तीन पॉलिटेक्निक केंद्र बनाए गए हैं। इसी प्रकार उत्तर पूर्व के 8 राज्यों में 83 आईटीआई केंद्र बनाए गए हैं.इनमें भी सबसे अधिक 35 असम में हैं।

उत्तर पूर्व के इन 8 राज्यों में अल्पकालीन प्रशिक्षण केंद्र भी विशेष रूप से स्थापित किए गए हैं। यहां ऐसे कुल 391 केंद्र बनाए गए हैं। वही 190 विशिष्ट परियोजना केंद्र भी उत्तर पूर्व के इन 8 राज्यों में स्थापित किए गए हैं।

गगौरतलब है कि प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत युवाओं को प्रशिक्षण के लिए कोई फीस नहीं चुकानी पड़ती है। यहां 3 महीने, 6 महीने और 1 साल के कोर्स उपलब्ध हैं। कोर्स पूरा करने के बाद डिजिटल लॉकर के जरिए सर्टिफिकेट मिलता है, जो देशभर में मान्य है। वहीं प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके युवाओं को रोजगार मेले के जरिए सरकार नौकरी दिलाने में सहायता भी करती है।

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