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India and Maldives Relation ( Photo Credit : NEWS NATION)
India and Maldives Relation: भारत और मालदीव के बीच विवाद कई दिनों से चला आ रह है. लेकिन अब भारत ने शुक्रवार को कहा कि वह हिंद महासागर में तीन विमानों के संचालन के लिए मालदीव के साथ 'साझा कार्यक्रम' के तहत काम करने के लिए राजी है. इस समझौते में उड़ान भरने वाले और प्लेटफार्मों का रखरखाव और सभी भारतीय सैन्य कर्मियों की तैनाती जिन्हें सरकार ने मई तक वापस जाने के लिए कहा था. 1 फरवरी को हुए अंतरिम बजट में वित्त मंत्री ने मालदीव को दी जाने वाली सहायता राशि में कटौती का ऐलान किया है.
मीटिंग में लिया गया फैसला
भारत और मालदीव के बीच हाई लेवल कोर ग्रुप की दूसरी मीटिंग में फैसला लिया गया. इस मीटिंग में बातचीत के दौरान सैनिकों की तैनाती को लेकर बातचीत की गई. इस मुद्दे पर दोनों देश सहमत है. ये सभी जानकारी भारत के विदेश मंत्रालय की ओर से दी गई है. इसके साथ ही मालदीव के लोगों को मानवीय और हेल्थ सेवाएं प्रदान करने वाले भारतीय विमान प्लेटफार्मों का भी संचालन जारी रहेगा. मालदीव के विदेश मंत्रालय के एक पीसी में इन सभी बातों की जानकारी देते हुए विस्तार से बताया गया. उन्होंने कहा है कि दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए थे कि भारत सरकार 10 मार्च 2024 तक तीन विमानन प्लेटफार्मों में से एक में सैन्य कर्मियों को बदल देगी. इसके साथ ही दो अन्य में सैन्य कर्मियों को बदलने का काम पूरा कर लेगी.
मोइज्जू ने सैनिकों की वापसी की बात की है
मालदीव विदेश मंत्रालय की ओर से जारी किए गए बयान में भारतीय सैन्यकर्मियों को वापस बुलाने के बारे में जानकारी नहीं दी गई. मालदीव दिए गए जानकारी से पता चला कि ये समाधान राष्ट्रपति मोइज्जू की मांग पर एक समझौते को दिखाता है. मालदीव के राष्ट्रपति ने भारत को 15 मार्च तक मालदीव से अपने सभी सैन्य कर्मियों को वापस बुलाने का कहा है. द्विपक्षीय संबंध वर्तमान में नए विवाद के बाद गिरावट देखी गई है. मालदीव सरकार की ओर से मालदीव को चीन के करीब लाने और स्वास्थ्य और खाद्य सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में भारत पर निर्भरता कम करने के लिए कई कदम उठाए गए हैं.
मालदीव की सहायता राशि में कटौती
1 फरवरी को हुए अंतरिम बजट में वित्त मंत्री ने मालदीव को दी जाने वाली सहायता राशि में कटौती का ऐलान किया है. वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि वित वर्ष 2024-25 में 600 करोड़ रुपए दिए जाएंगे. ये पिछले साल के मुकाबले 22 फीसदी कम है. वहीं पिछले वित्त वर्ष ये 770.90 करोड़ था.
Source : News Nation Bureau