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अयोध्‍या पर फैसला (AyodhyaVerdict) : प्रधान न्‍यायाधीश जस्‍टिस रंजन गोगोई (CJI Ranjan Gogoi) सहित सभी 5 जजों की सुरक्षा बढ़ाई गई

अयोध्‍या पर फैसला (AyodhyaVerdict) : अयोध्‍या भूमि विवाद पर फैसला सुनाने जा रहे सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ के पांचों जजों प्रधान न्‍यायाधीश रंजन गोगोई के साथ जस्टिस एसए बोबडे, डी वाई चंद्रचूड़, अशोक भूषण और एसए नज़ीर की सुरक्षा बढ़ा दी गई है.

Updated on: 09 Nov 2019, 08:21 AM

नई दिल्‍ली:

अयोध्‍या भूमि विवाद पर फैसला सुनाने जा रहे सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ के पांचों जजों प्रधान न्‍यायाधीश रंजन गोगोई के साथ जस्टिस एसए बोबडे, डी वाई चंद्रचूड़, अशोक भूषण और एसए नज़ीर की सुरक्षा बढ़ा दी गई है. प्रधान न्‍यायाधीश रंजन गोगोई की अध्‍यक्षता वाली पांच जजों की संविधान पीठ आज शनिवार को सुबह 10:30 बजे ऐतिहासिक फैसला सुनाएगी. बताया जा रहा है कि मुख्य न्यायाधीश (CJI) रंजन गोगोई (Ranjan Gogoi) की सुरक्षा को जेड-प्लस कर दिया गया है. रंजन गोगोई इस मामले के पांच सदस्यीय संविधान पीठ का नेतृत्व कर रहे हैं.

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सीजेआई रंजन गोगोई ने शुक्रवार सुबह यूपी के मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी और पुलिस महानिदेशक ओम प्रकाश सिंह के साथ एक घंटे तक बैठक की और उत्‍तर प्रदेश में कानून व्यवस्था की जानकारी ली. उत्‍तर प्रदेश के वरिष्‍ठ अफसरों ने उन्‍हें सुरक्षा तैयारियों से अवगत कराया.

केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर योगी सरकार ने पूरे प्रदेश में धारा 144 लागू कर दिया है. अयोध्या को तो छावनी में बदल दिया गया है. चप्‍पे-चप्‍पे पर सुरक्षाबल गश्‍त कर रहे हैं. अयोध्‍या में बहुस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई है, जिसमें पीएसी और अर्धसैनिक बलों की 60 कंपनियों (प्रत्येक में 90-125 कर्मियों) की तैनाती की गई है. हालात को काबू में रखने के लिए ड्रोन और सीसीटीवी कैमरों की भी मदद ली जा रही है.

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सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर एक नोटिस के माध्यम से शुक्रवार शाम को जानकारी दी गई कि प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ शनिवार सुबह 10:30 बजे अयोध्‍या भूमि विवाद पर फैसला सुनाएगी. इसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने 9 से 11 नवंबर तक प्रदेश के सभी स्कूल-कॉलेजों और शैक्षणिक संस्थानों को बंद रखने की घोषणा कर दी.

वहीं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देर शाम ट्वीट कर कहा, अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट का जो भी फैसला आएगा, वह न तो किसी की हार होगी और न जीत. प्रधानमंत्री ने कहा, देश की न्यायपालिका के मान-सम्मान को सर्वोपरि रखते हुए समाज के सभी पक्षों ने, सामाजिक-सांस्कृतिक संगठनों ने, सभी पक्षकारों ने बीते दिनों सौहार्दपूर्ण और सकारात्मक वातावरण बनाने के लिए जो प्रयास किए, वे स्वागत योग्य हैं. कोर्ट के निर्णय के बाद भी हम सबको मिलकर सौहार्द बनाए रखना है.'