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झारखंड में भी 11 दिसंबर का असर, रघुवर सरकार भी किसानों को सीधे देगी आर्थिक मदद

किसान कर्ज माफी के नाम पर 11 दिसंबर को तीन बीजेपी शासित राज्य रहे मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में कांग्रेस को जीत मिलने के बाद अब दूसरे राज्यों की बीजेपी सरकार पर भी इसका असर दिखने लगा है

Updated on: 22 Dec 2018, 12:45 PM

नई दिल्ली:

किसान कर्ज माफी के नाम पर 11 दिसंबर को तीन बीजेपी शासित राज्य रहे मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में कांग्रेस को जीत मिलने के बाद अब दूसरे राज्यों की बीजेपी सरकार पर भी इसका असर दिखने लगा है. चुनाव परिणाम आने के बाद जहां गुजरात में रुपाणी सरकार ने एक कदम आगे बढ़ते हुए किसानों का बिजली बिल माफ कर दिया वहीं अब झारखंड सरकार भी किसानों के आर्थिक बोझ को कम करने के लिए उन्हें सीधा पैसा देगी. झारखंड में रघुवर दास सरकार ने खरीफ फसल के सीजन पर मक्के और धान की खेती करने वाले किसानों को आने वाले वित्तीय वर्ष में 5 हजार रुपये प्रति एकड़ की मदद देने का ऐलान किया है. इस कार्यक्रम को मुख्यमंत्री कृषि आशिर्वाद योजना को नाम दिया गया है. ये पैसे सीधे किसानों के खातों में ट्रांसफर किए जाएंगे और राज्य में ऐसे छोटे बड़े कृषकों की संख्या करीब 22.76 लाख है.

इस योजना की वजह से राज्य सरकार पर करीब 2250 करोड़ रुपये का अतिरिक्त वित्तीय भार पड़ेगा. रघुवर सरकार फिलहाल ऐसे किसानों की पहचान करने में जुटा है जो इस मानक के तहत आते हैं और उन्हें कम से कम 5000 हजार रुपये प्रति एकड़ की मदद दी जा सके.

बताया जा रहा है कि रघुवर सरकार ने यह योजना तेलंगाना में किसानों को मिलने वाली शुरुआती मदद को देखकर लिया है. तेलंगाना में के चंद्रशेखर राव ने किसानों को रबी और खरीफ फसलों की बुआई के समय शुरुआती मदद देती है ताकि उनपर आर्थिक बोझ कम से कम पड़े और इसका सीधा फायदा उन्हें विधानसभा चुनाव में मिला. तेलंगाना में किसानों को बीज, खाद, कीटनाशक और मजदूरी के लिए चार हजार रुपये प्रति एकड़ की मदद देती है.

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्य प्रदेश में चुनाव से पहले कांग्रेस ने ऐलान किया था कि अगर उनकी सरकार बनती है तो गठन के 10 दिनों के भीतर किसानों का कर्जा माफ कर दिया जाएगा. कांग्रेस को चुनाव परिणाम में इसका सीधा फायदा मिला और चुनाव जीत गई. सत्ता में आते ही तीनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने कर्ज माफी को हरी झंडी दे दी.