उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के महोबा आगमन से कुछ ही घंटे पहले कर्ज से परेशान और निराश-हताश एक किसान ने खुद को आग लगाकर आत्महत्या कर ली।
सूबे की भाजपा सरकार किसानों को ऋण मोचन प्रमाणपत्र बांट रही है और दिल्ली मेट्रो से लेकर तमाम अखबारों में फुलपेज विज्ञापन देकर फूले नहीं समा रही, लेकिन विडंबना यह है किसान अभी भी आत्महत्या करने को मजबूर हो रहे हैं।
कोतवाली क्षेत्र के कैमाहा गांव में शनिवार रात किसान मिजाजी अहिरवार (42) ने घर पर कमरे का दरवाजा बंद करके अपने ऊपर मिट्टी का तेल डालकर आग लगी ली। इस दौरान उसकी पत्नी सुनीता जानवरों को चारा डालने गई थी।
पत्नी जब वापस आई, तो अंदर आग की लपटें देख चिल्लाई और मदद के लिए गुहार लगाई। चिल्लाहट की आवाज सुनकर लोग दौड़ पड़े। लोगों ने दरवाजा तोड़कर मिजाजी को बाहर निकाला, लेकिन तब तक उसकी सांस थम चुकी थी।
सुनीता के मुताबिक, उसके पति ने वर्ष 2005 में बैंक से कर्ज लेकर ट्रैक्टर खरीदा था, लेकिन साल दर साल उपज खराब होती रही और वह कर्ज चुका पाने में नाकाम रहा। एक वर्ष पहले भारतीय स्टेट बैंक की जैतपुर शाखा ने उसे नोटिस दिया था। उस पर छह लाख रुपये का कर्ज था।
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HIGHLIGHTS
- यूपी में कर्ज से परेशान और निराश-हताश एक किसान ने खुद को आग लगाकर आत्महत्या कर ली
- महोबा में किसान ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दौरे से पहले खुद को आग के हवाले कर दिया
Source : News Nation Bureau