कर्नाटक में मुख्यमंत्री सिद्दारमैया पूरे कार्यकाल के लिए पद पर बने रहेंगे या नहीं, इस पर बहस फिर से शुरू हो गई है। मैसुरु से भारतीय जनता पार्टी के सांसद प्रताप सिम्हा ने सोमवार को कांग्रेस नेताओं को चुनौती दी कि वे सिद्दारमैया से यह घोषणा करने को कहें कि वह पांच साल तक मुख्यमंत्री रहेंगे।
पत्रकारों से बात करते हुए प्रताप सिम्हा ने दावा किया कि सिद्दारमैया अपने कठपुतलियों से बयान दिलवा रहे हैं कि वह पूर्णकालिक मुख्यमंत्री होंगे। उन्होंने ताना मारते हुए कहा, सिद्दारमैया में खुद से यह कहने का साहस नहीं है।
सिम्हा ने कहा कि सिद्दारमैया को समाज कल्याण मंत्री एच.सी. महादेवप्पा और बड़े और मध्यम उद्योग मंत्री एम.बी. पाटिल अपनी ओर से बोलेंगे।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस सांसद डीके सुरेश और उप मुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार पहले ही अपनी नाराजगी जाहिर कर चुके हैं। सिद्दारमैया में यह कहने का साहस नहीं है कि वह पूर्णकालिक मुख्यमंत्री हैं। चुनाव जीतने में शिवकुमार की बहुत बड़ी भूमिका रही है।
महादेवप्पा ने रविवार को मैसूर में कहा था कि सिद्दारमैया पूर्णकालिक मुख्यमंत्री होंगे। पीडब्ल्यूडी मंत्री सतीश जरकीहोली ने भी कहा कि राज्य में सत्ता का बंटवारा नहीं हुआ है और सिद्दारमैया पूरे कार्यकाल के लिए मुख्यमंत्री रहेंगे।
पूर्व मंत्री आर.अशोक ने कहा था कि शिवकुमार का सीएम बनने का सपना सपना ही बनकर रह जाएगा। सिद्दारमैया के रहते पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवेगौड़ा और शिवकुमार को कोई मौका नहीं मिलेगा।
मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल की सीमा पर बहस चलती देख सिद्दारमैया ने सोमवार को मीडिया से पूछा, मैं कब तक पद पर रहूंगा, इससे आपका क्या लेना-देना है? महादेवप्पा के बयान के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि उनसे स्पष्टीकरण लिया जाना चाहिए।
शिवकुमार के खेमे का कहना है कि नेताओं के बीच सत्ता साझा करने का फॉर्मूला है और दोनों का सीएम के रूप में ढाई-ढाई साल का कार्यकाल होगा।
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Source : IANS