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पर्यावरण से जुड़े अपराधों में दूसरे नंबर पर ध्वनि प्रदूषण : एनसीआरबी

पर्यावरण से जुड़े अपराधों में दूसरे नंबर पर ध्वनि प्रदूषण : एनसीआरबी

Updated on: 16 Sep 2021, 11:40 AM

नई दिल्ली:

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की नवीनतम रिपोर्ट के आंकड़ों से पता चला है कि 2020 में दर्ज 61,767 पर्यावरण संबंधी अपराधों में से, ध्वनि प्रदूषण से संबंधित अपराध (7,318) अखिल भारतीय स्तर पर दूसरे स्थान पर रहे है।

सिगरेट और तंबाकू से जुड़े मामले श्रेणी में शीर्ष पर हैं।

हालांकि, दिल्ली उन 15 राज्यों और आठ केंद्र शासित प्रदेशों में शामिल है, जिन्होंने ध्वनि प्रदूषण अधिनियम (केंद्र / राज्य) के तहत शून्य अपराध दर्ज किए हैं, जैसा कि एनसीआरबी के आंकड़ों से पता चलता है।

राजस्थान में सबसे अधिक 7,186 अपराध दर्ज किए गए, इसके बाद मध्य प्रदेश में 44 मामले दर्ज किए गए।

शेष अपराध तमिलनाडु (19), हरियाणा (15), पंजाब (15), केरल (11), हिमाचल प्रदेश (7), कर्नाटक (6), उत्तर प्रदेश (6), छत्तीसगढ़ (2), गुजरात से (2), महाराष्ट्र (2), पश्चिम बंगाल (2) और बिहार (1) दर्ज किए गए थे।

जिन 14 राज्यों में कोई अपराध नहीं हुआ उनमें आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, असम, गोवा, दिल्ली, झारखंड, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, ओडिशा, सिक्किम, तेलंगाना, त्रिपुरा, उत्तराखंड हैं, जबकि केंद्र शासित प्रदेश अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, चंडीगढ़, दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव, जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, लक्षद्वीप और पुद्दुचेरी हैं।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की 2020 की एक रिपोर्ट से पता चला है कि चेन्नई छह मेट्रो शहरों में सबसे शोर वाला शहर था, जबकि अन्य महानगरों में भी शोर का स्तर बहुत अधिक था।

हालांकि, एनसीआरबी के आंकड़ों से पता चलता है कि जिन राज्यों में ये महानगर हैं, वहां ध्वनि प्रदूषण की तुलना में बहुत कुछ नहीं किया जा रहा है।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.