नोटबंदी के कारण लोगों की परेशानियों को देखते हुए केंद्र सरकार अब तक कई तरह की ढील दे चुकी है

नोटबंदी के कारण लोगों की परेशानियों को देखते हुए केंद्र सरकार अब तक कई तरह की ढील दे चुकी है

नोटबंदी के कारण लोगों की परेशानियों को देखते हुए केंद्र सरकार अब तक कई तरह की ढील दे चुकी है

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Abhishek Parashar
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नोटबंदी के कारण लोगों की परेशानियों को देखते हुए केंद्र सरकार अब तक कई तरह की ढील दे चुकी है

नोटबंदी के 11 वें दिन बैंकों और एटीएम के बाहर लगी कतार छंटने का नाम नहीं ले रही है। 11वें दिन बैंकों में 500 और 1000 रुपये के नोट नहीं बदले जाएंगे। सरकार अभी तक नोटबंदी को नियमों में कई बार ढ़ील दे चुकी है लेकिन इसके बावजूद नकदी की तंगी बनी हुई है। 

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नोटबंदी के 11वें दिल इंडियन बैंक एसोसिएशन ने कहा है कि शनिवार को केवल बुजुर्गों को बैंक की किसी भी शाखा में नोट बदलने की छूट होगी। बैंक आज केवल अपने खाताधारकों के लिए ही खुले रहेंगे। इस बीच प्रधानमंत्री नोटबंदी को लेकर फैली अफरा-तफरी के बीच राष्ट्रपति से मिलकर उन्हें स्थिति की जानकारी दे चुके है। विपक्षी दल नोटबंदी को लेकर संसद में सरकार को घेरने में सफल रहे हैं।

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शीतकालीन सत्र का पहला तीन दिन हंगामे की भेंट चढ़ चुका है। विपक्षी दल इस मामले संसद के दोनों सदनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान की मांग कर रहा है जबकि सरकार का कहना है कि वह नोटबंदी को लेकर हर तरह की चर्चा के लिए तैयार है लेकिन विपक्ष चर्चा होने देना ही नहीं चाहता।

कोर्ट की फटकार

नोटबंदी को लेकर फैली अफरा-तफरी के बीच कलकत्ता हाइ कोर्ट ने मोदी सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि सरकार ने बिना दिमाग का इस्तेमाल किए ही नोटबंदी के फैसले को लागू कर दिया।

हाई कोर्ट ने कहा कि सरकार जिस तरह से नियमों में बार-बार बदलाव कर रही है, उसे देखते हुए लगता है कि उसने पर्याप्त होम वर्क किए बिना ही नोटबंदी के फैसले को लागू कर दिया। वहीं सुप्रीम कोर्ट में भी इस मामले में सरकार को राहत नहीं मिली है।

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सुप्रीम कोर्ट ने देश के अलग-अगल हाई कोर्ट में नोटबंदी के खिलाफ हो रही याचिकाओं की सुनवाई पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। इस बीच सरकार 8 नवंबर के बाद से लोगों को राहत देने के लिए समय-समय पर नियमों पर बदलाव करती रही है।

सरकार ने समय-समय पर नियमों में बदलाव कर लोगों को राहत देने की कोशिश की लेकिन विपक्ष का कहना है कि नियमों में किया जाने वाला बदलाव बताता है कि सरकार ने बिना तैयारी किए ही नोटबंदी को लागू कर दिया।

कैसे बदले नियम

  • बैंकों ने नोटबंदी के करीब एक हफ्ते बाद सरकार की अपील मानते हुए एटीएम से होने वाले सभी तरह के लेन-देन को फ्री कर दिया है।
  • पहले 14 नवंबर तक ही चुनिंदा जगहों पर 500 औऱ 1000 रुपये के नोट के इस्तेमाल की मंजूरी दी गई थी जिसे अब बढ़ा कर 24 नवंबर कर दिया गया है।
  • बैंकों के काउंटर से अदला-बदली की रकम पहले 4000 रुपये थी, जिसे बढ़ाकर 4500 रुपये किया गया। लेकिन बाद में दुरुपयोग की आशंका को ध्यान में रखते हुए इसे फिर से घटाकर 2000 रुपये किया जा चुका है।
  • बैंक खातों से एक हफ्ते में निकाली जाने वाली रकम की लिमिट 20,000 रुपये थी जिसे अब बढ़ाकर 24,000 रुपये किया जा चुका है। हर दिन 10,000 रुपये की नकद निकासी के फैसले को अब रद्द किया जा चुका है।
  • चालू खातों ने रकम निकालने की लिमिट को बढ़ाकर अब 50,000 रुपये प्रति हफ्ते किया जा चुका है।
  • ग्रामीण क्षेत्रों में अब माइक्रो एटीएम से तो वहीं शहरी इलाकों में पेट्रोल पंप पर डेबिट कार्ड से 2000 रुपये निकालने की मंजूरी दी गई है।
  • एटीएम मशीनों को 2,000 रुपये के नए नोटों के मुकाबले तैयार करने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के डिप्टी गवर्नर एस एस मुंद्रा के नेतृत्व में टास्क फोर्स गठित की गई है।
  • शादी वाले घरों को राहत देते हुए बैंकों को शादी का कार्ड दिखाए जाने पर 2.5 लाख रुपये दिए जाने के फैसले को मंजूरी दे दी है।
  • बेहतर मॉनसून की वजह से किसानों को राहत देते हुए सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड से 25,000 रुपये और मंडी व्यापारियों को 50,000 रुपये निकालने की मंजूरी दे दी है।

Source : News Nation Bureau

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