दत्तात्रेय हसबाले फिर बने सरकार्यवाह, RSS ने सलाना बैठक में किया चुनाव
फिर से सरकार्यवाह चुने जाने के बाद उन्होंने कहा कि संघ के इतिहास में ये पहली बार था जब सरकार्यवाह का चुनाव RSS के मुख्यालय नागपुर के बाहर हुआ था. हालांकि, इसके पीछे की वजह कोरोना काल था. मुझे इस पद के लिए योग समझा गया इसके लिए मैं संघ का बहुत-बहुत आभारी हूं.
नई दिल्ली:
RSS: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा ने रविवार को दत्तात्रेय होसबले को एक बार फिर सरकार्यवाह निर्वाचित किया है.. इस बात की जानकरी आरएसएस ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिए दी है. संघ ने पोस्ट शेयर करते हुए लिखा कि 2024 से लेकर 2027 तक दत्तात्रेय को फिर से सरकार्यवाह के रूप में चुन लिया गया है. बता दें कि नागपुर में RSS की तीन दिवसीय सलाना बैठक हुई. बैठक में दत्तात्रेय होसबले को फिर से सरकार्यवाह के लिए निर्वाचित किया गया है. गौरतलब है कि 6 साल के बाद ये बैठक आरआसएस हेडक्वाटर में हो रही थी.
RSS ने अपनी सलाना बैठक में सरकार्यवाह पद के लिए दत्तात्रेय हसबाले को चुन लिया गया है. आपको बता दें कि उनका कार्यकाल इसी साल खत्म होने जा रहा था. उनका कार्यकाल अगले तीन साल के लिए बढ़ा दिया गया है. ये 2024 से लेकर 2027 तक के लिए होगा. आपको बता दें कि दत्तात्रेय इस पद का दायित्व साल 2021 से ही निभा रहे हैं. इस पद के लिए चुने जाने के बाद दत्तात्रेय हसबाले ने कहा कि पिछली बार बेंगलुरु में हुए आयोजन के बाद मुझे इस पद के लिए चुना गया था. ये निर्वाचन मुझ पर दायित्व था.
सरकार्यवाह ने कहा
फिर से सरकार्यवाह चुने जाने के बाद उन्होंने कहा कि संघ के इतिहास में ये पहली बार था जब सरकार्यवाह का चुनाव RSS के मुख्यालय नागपुर के बाहर हुआ था. हालांकि, इसके पीछे की वजह कोरोना काल था. मुझे इस पद के लिए योग समझा गया इसके लिए मैं संघ का बहुत-बहुत आभारी हूं. उन्होंने कहा कि मैं संघ के कार्यों और परंपरा को आगे बढ़ाने का काम करूंगा.
दत्तात्रेय होसबाले का जन्म 1954 में
जानकारी के अनुसार साल 1954 में दत्तात्रेय होसबाले का जन्म हुआ था. सबसे पहले वो 13 साल की आयु में साल 1968 में RSS के कॉन्टेक्ट में आए. इसके बाद वो साल 1978 में संघ के स्टूडेंट यूनियन एवीबीपी के मेंबर बन गए. वहीं, साल 1990 में संघ प्रचारक के रूप में जुड़ गए. दत्तात्रेय होसबाले को पहली बार साल 2009 में सह सरकार्यवाह के पद पर नियुक्त किया गया. इसके बाद साल 2021 में पहली बार सरकार्यवाह की जिम्मेदारी निभाने लगे.
दत्तात्रेय कर्नाटक के शिवमोगा के
आपको बता दें कि दत्तात्रेय कर्नाटक के शिवमोगा जिले के रहने वाले हैं. गौरतलब है कि अपातकाल के दौरान साल 1975-77 के बीच जेपी मूवमेंट में एक्टिव थे. इस दौरान वो लगभग दो साल तक मीसा एक्ट के तहत जेल में जीवन बिताएं.
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