केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री सत्य पाल सिंह ने कहा है कि चार्ल्स डार्विन के सिद्धांत स्कूल और कॉलेज के किताबों से नहीं हटाए जाएंगे। इस बात की जानकारी उन्होंने एक लिखित प्रश्न के जवाब में दिया।
राज्यसभा में लिखित प्रश्नों के जवाब में उन्होंने कहा, 'सीबीएसई ने बताया है कि कक्षा 12 के लिए जीव विज्ञान विषय में चार्ल्स डार्विन का सिद्धांत प्रजातियों के विकास पाठ्यक्रम का एक हिस्सा है।'
इससे पहले सत्य पाल सिंह ने कहा था, 'हमारे पूर्वजों और किसी ने भी लंगूर को आदमी बनते नहीं देखा है। डार्विन का (क्रमिक विकास) का सिद्धांत वैज्ञानिक तौर पर गलत है और इसे स्कूलों और कॉलेजों में बदले जाने की जरूरत है।'
उन्होंने कहा था, 'जब से इस धरती पर आदमी को देखा गया है वह आदमी ही है और आदमी ही बना रहेगा।'
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सत्यपाल ने आईआईटी गुवाहाटी में अपनी बातों को दोहराते हुए कहा था, 'मैं अपने बयान पर पूरी तरह कायम हूं कि क्रमिक विकास का चार्ल्स डार्विन का सिद्धांत वैज्ञानिक रूप से सही नहीं है. सिद्धांत के समर्थन में मुश्किल से ही कोई तथ्य है।'
उनके इस बयान के बाद वैज्ञानिकों और विज्ञान जगत से जुड़े लोगों ने एक इस बात की निंदा की थी और अपना बयान वापस लेने को कहा था। मंत्री के इस बयान के बाद राजनीतिक जगत में काफी आलोचना हुई थी।
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Source : News Nation Bureau