वसीम रिजवी की फिल्म 'राम जन्मभूमि' पर देवबंद के उलेमा का निशाना, कहा- मुल्क का माहौल खराब करना है मकसद

उलेमा का दो टूक कहना है कि बाबरी मस्जिद-रामजन्मभूमि जैसे संवेदनशील मुद्दे पर फिल्म बनाकर वसीम रिजवी हिंदू-मुस्लिमों को निशाना बनाते हुए मुल्क का माहौल खराब करना चाहते हैं.

उलेमा का दो टूक कहना है कि बाबरी मस्जिद-रामजन्मभूमि जैसे संवेदनशील मुद्दे पर फिल्म बनाकर वसीम रिजवी हिंदू-मुस्लिमों को निशाना बनाते हुए मुल्क का माहौल खराब करना चाहते हैं.

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saketanand gyan
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वसीम रिजवी की फिल्म 'राम जन्मभूमि' पर देवबंद के उलेमा का निशाना, कहा- मुल्क का माहौल खराब करना है मकसद

शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी (फाइल फोटो)

उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी द्वारा अयोध्या मामले पर बनाई जा रही फिल्म 'रामजन्मभूमि' दारुल-उलूम देवबंद के उलेमा को कतई मंजूर नहीं है. उलेमा का दो टूक कहना है कि बाबरी मस्जिद-रामजन्मभूमि जैसे संवेदनशील मुद्दे पर फिल्म बनाकर वसीम रिजवी हिंदू-मुस्लिमों को निशाना बनाते हुए मुल्क का माहौल खराब करना चाहते हैं. उलेमा का कहना है बाबरी मस्जिद का मामला सुप्रीम कोर्ट में है लेकिन वसीम रिजवी इस तरह की फिल्म बनाकर सुप्रीम कोर्ट का अपमान कर रहें हैं.

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उलेमा ने रिजवी पर निशाना साधते हुए कहा, 'वसीम रिजवी किसी मुसलमान या किसी हिन्दुस्तानी की औलाद नहीं हो सकते, ऐसा शख्स तो वो ही हो सकता है जो अग्रेजों की नापाक औलाद हो.'

उन्होंने कहा, 'हिन्दुस्तान से अंग्रेज चला गया है लेकिन वो अपनी नापाक औलादों को हिंदुस्तान में छोडकर चला गया है ताकि वो लोगों को लड़ाकर अपनी सियासी रोटियां सेंक सके और हिंदुस्तान में आग लगाने का काम करे.'

उलेमा ने यह भी कहा कि रिजवी सुप्रीम कोर्ट की भी तौहीन कर रहे हैं और रिजवी साहब हिंदुस्तान के कानून की धज्जियां उड़ा रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट को चाहिए कि वो उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करे.

बता दें कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए अपने बयानों को लेकर चर्चा में बने रहने वाले वसीम रिजवी ने राम जन्म भूमि पर एक फिल्म का निर्माण किया है. अयोध्या में 1990 में हुए गोलीकांड के बाद उपजे हालातों पर आधारित फिल्म 'राम जन्मभूमि' का सोमवार को पोस्टर और ट्रेलर लॉन्च किया गया था.

वसीम रिजवी द्वारा निर्मित यह फिल्म दिसंबर में सिनेमाघरों में रिलीज होगी. ट्रेलर लॉन्च के मौके पर वसीम रिजवी ने कहा था कि इस फिल्म में किसी समुदाय या फिर धार्मिक भावनाओं को आहत नहीं किया गया है. समाज में फैली बुराइयों को फिल्म के माध्यम से सामने लाने की कोशिश की गई है. नफरत का माहौल खत्म हो यही फिल्म का उद्देश्य है.

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उन्होंने बताया था कि खास बात यह है कि वसीम रिजवी ने खुद फिल्म की कहानी लिखी और निमार्ता भी वही हैं. साथ ही फिल्म के अधिकतम हिस्सों का फिल्मांकन भी अयोध्या में किया गया है.

उन्होंने बताया कि 30 अक्टूबर और 2 नवंबर 1990 में कारसेवकों पर हुए गोलीकांड के बाद जो अयोध्या में हुआ उस पर यह फिल्म आधारित है. फिल्म में वसीम रिजवी भी किरदार निभाते हुए नजर आएंगे. उन्होंने कहा कि राम जन्मभूमि का जो मामला न्यायालय में विचाराधीन है उससे जुड़े किसी भी पहलू को इस फिल्म में नहीं दिखाया गया है. वसीम ने कहा कि फिल्म के रिलीज होने के समय वे सभी राज्यों में इसे टैक्स फ्री करने के लिए आवेदन करेंगे.

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रिजवी ने सोमवार को दोहराया कि हम अयोध्या की विवादित भूमि पर मस्जिद का होना नहीं मानते. उन्होंने कहा कि वहां मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनाई गई. अयोध्या में राम का जन्म हुआ, दुनिया इसे जानती है. उन्होंने कहा, 'मैंने समझौते की कई बार कोशिश की. मैं कामयाब भले न हुआ हूं, लेकिन नाउम्मीद नहीं हुआ हूं.' रिजवी ने कहा कि किसी धर्म विशेष को ठेस पहुंचाना उनका मकसद नहीं है.

Source : News Nation Bureau

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