पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना पर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) में मचे घमासान के बाद हजरत आला दरगाह ने भी उनके खिलाफ फतवा जारी कर दिया है।
जिन्ना के खिलाफ फतवा जारी करते हुए दरगाह के ऐतुल ने कहा, 'मुस्लिमों को जिन्ना के समर्थन में नहीं आना चाहिए। अगर वो ऐसा करते हैं तो यह गलत होगा। जिन्ना की गलत छवि बनाई जा रही है कि वो मुस्लिमों के आदर्श हैं। जिन्ना मुस्लिमों के आदर्श नहीं हैं क्योंकि वह हमारे दुश्मन देश का संस्थापक था।'
गौरतलब है कि बीते दिनों एएमयू के छात्रसंघ ऑफिस में मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर को लेकर काफी विवाद हुआ था। बीजेपी के सांसद सतीश गौतम ने यूनिवर्सिटी प्रशासन को चिट्ठी लिखकर सवाल पूछा था कि जिन्ना की तस्वीर क्यों लगी हुई है।
एएमयू छात्र संघ अध्यक्ष मशकूर अहमद उस्मानी ने बताया था कि जिन्ना की तस्वीर छात्र संघ यूनियन के हॉल में लगी हुई है। उस्मानी ने कहा था कि साल 1938 में आयोजित एक कार्यक्रम में जिन्ना को छात्र संघ की आजीवन सदस्यता दी गई थी और वो यहां आए भी थे।
हालांकि इसके बाद बवाल और बढ़ गया था। जिन्ना की तस्वीर हटाने के हिंदू संगठन के लोगों ने विश्वविद्यालय के बाहर जमकर प्रदर्शन किया।
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एएमयू सर्किल पर जिन्ना का पुतला फूंकने पहुंचे हिंदू संगठन के दर्जन भर कार्यकर्ताओं से यूनिवर्सिटी सुरक्षाकर्मी से झड़प हो गई थी और इस दौरान उन्होंने एक गार्ड को पीट दिया था।
इसके बाद शिकायत दर्ज कराए जाने को लेकर छात्रों का हुजूम थाने की तरफ चल पड़ा, जिसे रोकने के लिए पुलिस को लाठी चार्ज करना पड़ा था।
विवाद के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था 'जिन्ना ने हमारे देश का बंटवारा किया, भारत में जिन्ना का महिमामंडन बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।'
तनाव बढ़ने के बाद स्थानीय प्रशासन ने 5 मई तक इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया था।
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Source : News Nation Bureau