दरभंगा ब्लास्ट : NIA का कैराना में छापा, 2 युवक को हिरासत में लिया

दरभंगा ब्लास्ट मैं NIA द्वारा गिरफ्तार कैराना के रहने वाले सगे भाई नासिर और इमरान के पिता रिटायर्ड फौजी मूसा खान अकेले अपने पुराने मकान में रहते है, बस एक कमरा है और दो कमरे अधबने है, जिनमे छत भी नहीं, पड़ोसी का परिवार वहां रह रहा है.

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Shailendra Kumar
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मेरठ में एनआईए ने मारा छापा( Photo Credit : @newsnation)

नई दिल्ली, 2 जुलाई (आईएएनएस)| बिहार के दरभंगा रेलवे स्टेशन पर 17 जून को हुए विस्फोट की जांच का दायरा बढ़ाते हुए, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) उत्तर प्रदेश के शामली से कई और गिरफ्तारियां करने के लिए तैयार है, जिसमें एक सलीम भी शामिल है, जिसने जाहिर तौर पर भाइयों की भर्ती लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के लिए की थी. फिलहाल मोहम्मद नासिर खान और इमरान मलिक और जो अब हिरासत में हैं. जांच से जुड़े एनआईए के सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि शामली के कई लोग आतंकवाद रोधी जांच एजेंसी के संदिग्धों की सूची में हैं क्योंकि उनके प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) से संबंध पाए गए हैं.

सूत्र ने कहा कि एजेंसी ने साजिश में शामिल होने के लिए कई लोगों की पहचान की है. इसने यह भी कहा कि संदिग्धों में से एक की पहचान सलीम के रूप में हुई है, जिसने खान और मलिक को भर्ती किया था. सलीम ने दोनों आरोपियों को 1.6 लाख रुपये का भुगतान भी किया था, जिन्होंने बम बनाकर सिकंदराबाद से दरभंगा तक ट्रेन में लगाया था. सूत्र ने कहा, सलीम ने कई मौकों पर पाकिस्तान का दौरा किया था. एजेंसी पाकिस्तान में स्थित लश्कर-ए-तैयबा के आकाओं और भारत में उनके सदस्यों के बीच हवाला लेनदेन सौदे की भी जांच करेगी.

सूत्र ने खुलासा किया कि सलीम से इंटेलिजेंस ब्यूरो और कई अन्य एजेंसियों की टीम ने पूछताछ की है. सूत्र ने कहा, अगर सलीम की भूमिका साबित हो जाती है, तो उसे जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा. एनआईए ने 30 जून को खान और मलिक को विस्फोट में उनकी भूमिका के लिए हैदराबाद से गिरफ्तार किया था. एनआईए ने लश्कर-ए-तैयबा के दो गिरफ्तार आतंकवादियों के परिसरों की तलाशी के दौरान आपत्तिजनक सामग्री और कई डिजिटल उपकरण बरामद किए थे.

एनआईए के एक अधिकारी ने कहा कि इन दोनों लोगों के परिसर से बरामद वस्तुओं में आईईडी बनाने की प्रक्रिया और आईईडी बनाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली सामग्री से संबंधित विभिन्न दस्तावेज थे. जांच से जुड़े एक अन्य सूत्र ने बताया कि दरभंगा रेलवे स्टेशन पर हुए विस्फोट में इस्तेमाल किए गए बम को बनाने वाला शख्स खान था.

एनआईए ने दावा किया है कि खान ने 2012 में पाकिस्तान की यात्रा की थी और स्थानीय रूप से उपलब्ध रसायनों से आईईडी के निर्माण पर लश्कर संचालकों से प्रशिक्षण प्राप्त किया था. सूत्र ने कहा कि खान पाकिस्तान में अपने आकाओं के लगातार संपर्क में था. मलिक की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए सूत्र ने कहा कि लश्कर के आकाओं ने उसके मोबाइल पर आईईडी बनाने का वीडियो भेजा था. सूत्र ने कहा, मलिक ने लश्कर-ए-तैयबा के संचालकों द्वारा भेजे गए वीडियो को देखकर आईईडी बम बनाया और फिर उस बम को सिकंदराबाद-दरभंगा ट्रेन में रखा गया.

बिहार के मुजफ्फरपुर में 17 जून को मामला दर्ज किया गया था. एनआईए ने 24 जून को जांच अपने हाथ में ली थी. एजेंसी ने बुधवार को कहा था कि प्रारंभिक जांच से पता चला है कि प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के शीर्ष गुर्गों द्वारा पूरे भारत में आतंकी कृत्यों को अंजाम देने और जान-माल को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाने के लिए देश के बाहर साजिश रची गई थी.

एनआईए ने कहा था कि लश्कर, खान और मलिक के पाकिस्तान स्थित आकाओं के निर्देशों के तहत काम करते हुए एक आग लगाने वाला आईईडी बनाया था और इसे कपड़े के एक पार्सल में पैक किया था और सिकंदराबाद से दरभंगा तक लंबी दूरी की ट्रेन में बुक किया था. आतंकवाद विरोधी जांच एजेंसी ने यह भी बताया कि इसका उद्देश्य चलती यात्री ट्रेन में विस्फोट और आग लगाना था, जिसके परिणामस्वरूप जान और माल का भारी नुकसान हुआ.

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HIGHLIGHTS

  • यूपी के मेरठ में एनआईए की छापेमार कार्रवाई
  • एनआईए ने 2 युवकों को हिरासत में लिया
  • एनआईए ने बिहार के दरभंगा ब्लास्ट मामले में की कार्रवाई
NIA arrested Terrorist कैराना में एनआईए का छापा NIA Rads in kairana Darbhanga Blast मेरठ से दो गिरफ्तार दरभंगा ब्लास्ट
      
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