झारखंड के ललमटिया में कोयला खदान के अचानक धंस जाने की वजह से अबतक 9 मजदूरों की जान जा चुकी है जबकि अभी भी 30-40 लोगों के खदान के अंदर मलबे में दबे होने की आशंका है।
कोयले की खान में हादसे की खबर आए दिन देश के किसी ना किसी हिस्से से आती रहती है। धरती से सैंकड़ों किलोमीटर अंदर जाकर कोयला निकालना कितना चुनौतीपूर्ण होता है आप इसकी कल्पना भी नहीं कर सकते।
ये भी पढ़ें : Video: झारखंड के ललमटिया कोयला खदान में हादसे में अबतक 9 मजदूरों की मौत, 50 लोगों के दबे होने की आशंका
बिजली बनाने के लिए कोयले की जितनी जरूरत होती है उससे कहीं ज्यादा इसे निकालना मुश्किल होता है। फिर भी इंजीनियर और मजदूर अपनी जान हथेली पर रखकर कई किलो मीटर तक जमीन के अंदर जा कर कोयले को निकालते है। कोयला निकालने के दौरान ही ज्यादातर हादसे होते हैं।
हम आपको बताते हैं कोयले की खान में किन खतरों के बीच काम करते है मजदूर और इंजीनियर
1. बारिश होने पर आफत में रहती है जान
कोयले की खान से सटे इलाकों में बारिश होने से मजदूरों और इंजीनियरों की जान पर आफत आ जाती है। क्योंकि बारिश की वजह से खान के धंसने का जितना खतरा ऊपर रहता है उससे कहीं ज्यादा खतरा खान के भीतर होता है। पानी की वजह से खाने के धंसने की संभावना में कई गुना बढ़ोतरी हो जाती है।
2. जहरीले गैसे के रिसाव का खतरा
कोयला खदान में कच्चा कोयला निकालने के लिेए कई तरह के गैस और रसायनिक चीजों का इस्तेमाल किया जाता है। इन गैसों को ठीक तरीके से कंटेनर में बंद ना रखने पर धरती से हजारों फीट नीचे रिसाव शुरू हो जाता है जिसकी वजह से दम घुटने से मजदूरों की जान तक चली जाती है।
3.खान के अदंर आग लगने का खतरा
कोयले की खदान में कोयला निकालने के लिए जिलेटिन की रॉड में आग लगाई जाती है। कभी कभी ये आग इतनी तेज हो जाती है कि चूहे के बिल जैसे संकरे खादान में मजदूरों का बचना असंभव हो जाता है।
4. अस्थमा और आंखे खराब हो जाने की संभावना
धरती से सैंकड़ों किमी अंदर कोयल की खान में काम करने वाले ज्यादातर लोगों को अस्थमा और आंखे खराब हो जाने की समस्या होती है। इसका कारण ये है कि खान में कोयले की काफी तेज धूल उड़ती है जिसकी वजह से सांस लेने में दिक्कत हो जाती और ये धूल फेफड़े में जमा हो जाता है। ये धूल आंखों के खराब होने का भी कारण बनता है।
5. खान के अंदर कोयले के साथ होती है जहरीली गैस और मरकरी
कोयले की खान में कई बार कोयला के अलावा जहरीले गैस और मरकरी जैसे घातक धातु भी होते हैं जिसकी वजह से कोयला खदान में काम करने वाले मजदूरों में कैंसर का कारण बनता है।
6. दीवार गिरना और जलभराव होना
खानों के अंदर सबसे ज्यादा हादसे दीवार गिरने की वजह से होते हैं। ये दीवार खान के अंदर दो स्लैब की तरह होते है जिसके बीच मजदूर काम करते हैं।कई बार ये स्लैब भारी दबाव में टूट जाते है जिसकी वजह से बड़ा हादसा हो जाता है। खान में खनन के दौरान कई बार अचानक जलभराव भी हो जाता है। इसकी वजह से भी मजदूरों को अपनी जान गंवानी पड़ती है।
एक आकंड़े के मुताबिक सिर्फ पिछले 6 महीने में देश के अलग अलग खानों में 65 से ज्यादा मजदूर मारे जा चुके हैं जबकि 120 से ज्यादा लोग बुरी तरह घायल हो चुके हैं।
Source : News Nation Bureau