एससी और एसटी कानून पर सुप्रीम कोर्ट के निर्देश को लेकर बीजेपी के दलित सांसद पार्टी अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात कर पुनर्विचार याचिका दायर करने का दबाव बनाएंगे।
दलितों पर होने वाले अत्याचार को रोकने के लिये बने कानून पर सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की थी कि इस कानून का दुरुपयोग किया गया है। साथ ही कहा था कि शिकायतों की जांच के बाद ही गिरफ्तारी की जाए।
बीजेपी के एससी मोर्चा के प्रमुख और पार्टी के सांसद विनोद कुमार सोनकर ने कहा कि इन सांसदों ने गुरुवार को केंद्रीय कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद से मुलाकात की।
उन्होंने बताया कि समुदाय के लोगों को किसी तरह का नुकसान नहीं हो इसे सरकार को सुनिश्चित करना चाहिये।
कुछ सांसदों ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर कहा कि सरकार के सामने सिर्फ एक ही रास्ता हो कि वो पुनर्विचार याचिका दायर करे क्योंकि बीजेपी के लिये राजनीतिक तौर पर गर्म मुद्दा बन सकता है, जो दलितों को अपने पाले में लाने की कोशिश कर रही है।
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को एससी/एसटी कानून में अग्रिम जमानत का प्रावधान जोड़ दिया है और ऑटोमेटिक गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है।
कई बीजेपी नेताओं ने कहा कि ये दलितों के खिलाफ होगा और ये भी है कि कई कानूनों का दुरुपयोग हुआ है लेकिन उसे कमज़ोर करना हल नहीं है क्योंकि देश के कई भागों में आज भी दलितों पर अत्याचार हो रहे हैं।
बीजेपी नेता और प्रवक्ता बिजय सोनकर शास्त्री ने कहा कि ये गंभीर मुद्दा है क्योंकि 90 फीसदी क्रिमिनल केसेज़ में आरोपी छूट जाता है और ये निर्देश कानून को और कमजोर कर देगा।
उन्होने कहा, 'सुप्रीम कोर्ट का आदेश खतरनाक है।'
उन्होंने बताया कि बीजेपी के गैर एससी/एसटी सांसदों ने भी इस पर चिंता जाहिर की है।
Source : News Nation Bureau