तिब्बती बौद्ध धर्मगुरू दलाई लामा की तवांग यात्रा को लेकर चीन की आपत्ति के बाद भारत ने कड़े तेवर दिखाए हैं। इस मामले को लेकर भारत ने चीन से कहा है कि हमारे अंदरूनी मामलों में हस्तक्षेप न करे क्योंकि अरूणाचल प्रदेश हमारा अभिन्न हिस्सा है।
चीन के विरोध को लेकर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजीजू ने मंगलवार को कहा कि दलाई लामा की अरूणाचल यात्रा पूरी तरह धार्मिक है इसका कोई राजनीतिक मतलब नहीं निकाला जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत एक चीन नीति का सम्मान करता है, हम चीन से भी इसी तरह की उम्मीद करते हैं।
मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि सभी समुदाय के धार्मिक भावनाओं को स्वतंत्रता दी जानी चाहिए। किसी को भी दलाई लामा के अरूणाचल दौरे से कोई समस्या नहीं होनी चाहिए।
दलाई लामा चार से 13 अप्रैल तक अरूणाचल प्रदेश का दौरा करेंगे। उनकी यात्रा को देखते हुए वेस्ट कमेंग जिले के बोमडिला में स्वागत की तैयारियां चल रही हैं। यह दौरा उस वक्त हो रहा है जब कई मुद्दों को लेकर भारत-चीन संबंधों में तनाव चल रहा है। दौर को लेकर चीन ने विरोध जाताया है।
दलाई लामा का तवांग दौरे को देखते हुए चीन ने अपने कान खड़ा कर लिया है और पैनी नजर रखे हुए है। चीन ने रविवार रात कहा था कि दलाई लामा पर आरोप लगाया था कि 1959 में वे भारत गए और वह अलगाववादी गतिविधि में शामिल रहे हैं।
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Source : News Nation Bureau