COVID-19 दादी दादा फाउंडेशन ने बुजुर्गों के लिए कोरोना वायरस से लड़ने के सुझाए ये उपाय

संस्था की ओर से इंटरनेट पर आयोजित संगोष्ठी में देश भर के कई चिकित्सकों, स्वास्थ्य विशेषज्ञों, आयुर्वेद के डॉक्टरों समेत अन्य ने भाग लिया और वरिष्ठ नागरिकों के लिए विशेष उपायों पर चर्चा की

संस्था की ओर से इंटरनेट पर आयोजित संगोष्ठी में देश भर के कई चिकित्सकों, स्वास्थ्य विशेषज्ञों, आयुर्वेद के डॉक्टरों समेत अन्य ने भाग लिया और वरिष्ठ नागरिकों के लिए विशेष उपायों पर चर्चा की

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Ravindra Singh
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कोविड-19( Photo Credit : फाइल)

दादी दादा फाउंडेशन ने कोरोनावायरस (Corona Virus) वैश्विक महामारी से लड़ने के लिए बुजुर्गों में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के कई उपायों का रविवार को सुझाव दिया. संस्था की ओर से इंटरनेट पर आयोजित संगोष्ठी में देश भर के कई चिकित्सकों, स्वास्थ्य विशेषज्ञों, आयुर्वेद के डॉक्टरों समेत अन्य ने भाग लिया और वरिष्ठ नागरिकों के लिए विशेष उपायों पर चर्चा की और कहा कि बुजुर्गों को विशेष देखभाल की जरूरत है क्योंकि उनके वायरस के चपेट में आने की आशंका ज्यादा होती है.

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दादी दादा फाउंडेशन के निदेशक मुनि शंकर ने कहा, हम हमारे सुझावों की एक प्रति विचार-विमर्श के लिए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय और नीति आयोग को भेजेंगे. हमारे उपाय खासतौर पर बुजुर्गों के लिए हैं जिनमें खतरा ज्यादा है. अपने संबोधन में, आयुर्वेद के डॉक्टर श्रीधर अग्रवाल ने कहा कि भारतीयों के ठीक होने का प्रदर्शन अच्छा है और यह रोज के खाने में प्राकृतिक जड़ी-बूटी शामिल किए जाने का नतीजा हो सकता है.

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उन्होंने कहा, खाने में प्राकृतिक औषधियां शामिल करने से हमारी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है. हालांकि, प्रतिरोधक क्षमता उम्र बढ़ने के साथ घटती है इसलिए हमें बुजुर्गों का खास ख्याल रखने की जरूरत है. गला खराब होने पर उन्हें लवनगड़ी वटी और कंठ सुधारक वटी जैसी औषधियां दी जा सकती हैं. प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए, उन्हें स्वर्ण वसंत मालती और च्यवनप्राश दिया जा सकता है.

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बुखार में, गिलोय धन वटी, क्षिभुवन किरि रस और सुदर्शन घन वटी प्रयोग की जा सकती है तथा खांसी में महालक्ष्मी विलास रस, स्वस रस, चिंतामणि रस और सीतोपलादी चूरण रस लिया जा सकता है. तारा कैंसर फाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर अंशुमान कुमार ने प्रतिरोधक क्षमता को आंतरिक शत्रु कहा जो विषाणुओं से लड़ता है. स्वास्थ्य विशेषज्ञ उपेंद्र पांडे ने कहा कि बजुर्गों को अपने परिवार के सदस्यों का भावनात्मक साथ चाहिए. 

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