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तमिलनाडु में चक्रवाती तूफान 'गज' से 11 लोगों की मौत, मुआवजे का ऐलान, परीक्षाएं रद्द

चक्रवाती तूफान 'गज' के शुक्रवार को तमिलनाडु पहुंचने के बाद कम से कम 11 लोगों की मौत हो गई और इससे बड़े पैमाने पर क्षति हुई है.

Updated on: 16 Nov 2018, 06:42 PM

चेन्नई:

चक्रवाती तूफान 'गज' के शुक्रवार को तमिलनाडु पहुंचने के बाद कम से कम 11 लोगों की मौत हो गई और इससे बड़े पैमाने पर क्षति हुई है. अधिकारियों ने कहा कि तूफान नागपट्टनम और वेदारणयणम जिलों के बीच तट से शुक्रवार रात 12.30 बजे से 2.30 बजे के बीच गुजरा. इस दौरान हवा की रफ्तार 110-120 किलोमीटर प्रतिघंटा थी. तेज हवाओं से नागपट्टनम रेलवे स्टेशन की छत क्षतिग्रस्त हो गई.

मुख्यमंत्री के. पलानीसामी ने सेलम में कहा कि चक्रवाती तूफान की वजह से 11 लोगों की मौत हो गई है. उन्होंने कहा कि प्रत्येक मृतक के परिवार को 10 लाख रुपये की सहायता राशि, गंभीर रूप से घायलों को एक लाख रुपये और मामूली रूप से घायलों को 25 हजार रुपये की राशि दी जाएगी.

मुख्यमंत्री ने कहा कि निचले इलाकों में रह रहे 82,000 लोगों को 471 आपदा केंद्रों में भेजा गया है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि एहतियाती उपायों से मृतकों की संख्या में कमी आएगी. कड्डालोर, नागपट्टनम, रामनाथपुरम, तंजावुर, पुडुकोट्टई और तिरुवरुर में गुरुवार को राहत केंद्र बनाए गए थे.

भारत मौसम विज्ञान विभाग ने शुक्रवार शाम तक बारिश की आशंका व्यक्त की है. तमिलनाडु के राजस्व और आपदा प्रबंधन मंत्री आर.बी. उदयकुमार ने बताया कि चक्रवाती तूफान की वजह से गिरे सभी पेड़ों को हटा लिया गया है.

तूफान से प्रभावित नागपट्टनम में टूटे हुए पेड़ों की वजह से सड़क यातायात प्रभावित रहा. सरकार ने एहतियात के तौर पर गुरुवार रात बिजली की आपूर्ति बंद कर दी थी. तूफान से बिजली के करीब 12,000 खंभे क्षतिग्रस्त हो गए.

तमिलनाडु के कई विश्वविद्यालयों में शुक्रवार को होने वाली परीक्षाएं रद्द कर दी गईं. तमिलनाडु में नागपट्टनम, कड्डालोर, तंजावुर, पुडुकोट्टई, तिरुवरुर जिलों सहित पुडुचेरी में कराईकल में शुक्रवार को स्कूलों को बंद रखा गया है. उत्तरी तमिलनाडु, पुडुचेरी, उत्तरी केरल और दक्षिण कर्नाटक के अंदरूनी इलाकों में बारिश की आशंका व्यक्त की गई है.

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चक्रवाती तूफान की गति 100-110 किलोमीटर प्रति घंटा तक पहुंच गई है और अगले छह घंटों में इसके तमिलनाडु के मध्य भागों और पुडुचेरी के तटों के आसपास 120 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से पहुंचने की संभावना है.

मुख्यमंत्री के अनुसार, मत्स्य विभाग मछली पकड़ने वाली नौकाओं के क्षति का आकलन करने के बाद मछुआरों के लिए सहायता राशि की घोषणा करेगा.