चक्रवात यास : PM नरेंद्र मोदी करेंगे तैयारियों की समीक्षा, नौसेना के पोत और विमान स्टैंडबाय पर
चक्रवाती तूफान यास से निपटने के लिए युद्ध स्तर पर तैयारियां की जा रही हैं. समुद्र के अंदर बचाव और राहत कार्यों के लिए नौसेना के पोत और विमान को स्टैंडबाय पर रख दिया गया है.
highlights
- तौकते के बाद अब चक्रवात यास का अलर्ट
- PM नरेंद्र मोदी करेंगे तैयारियों की समीक्षा
- नौसेना के पोत और विमान स्टैंडबाय पर
नई दिल्ली:
हाल में आए अरब सागर से उठे चक्रवाती तूफान तौकते (Tauktae) की तबाही के निशान महाराष्ट्र, गुजरात समेत अन्य राज्यों से मिट भी नहीं पाए हैं कि अब एक और खतरनाक चक्रवात दस्तक देने वाला है. देश के पूर्वी तटीय क्षेत्रों में चक्रवात यास (Yaas) का खतरा मंडरा रहा है, जो ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटीय इलाकों में तबाही मचा सकता है. हालांकि बंगाल की खाड़ी में उठने वाले चक्रवाती तूफान यास से निपटने के लिए युद्ध स्तर पर तैयारियां की जा रही हैं. समुद्र के अंदर बचाव और राहत कार्यों के लिए नौसेना के पोत और विमान को स्टैंडबाय पर रख दिया गया है तो जमीनी स्थिति के लिए एनडीआरएफ की टीमें लगा दी गई हैं. इन तैयारियों की समीक्षा के लिए आज खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उच्चस्तरीय बैठक करने जा रहे हैं.
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प्रधानमंत्री मोदी करेंगे तैयारियों की समीक्षा
प्रधानमंत्री मोदी आज वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के प्रतिनिधियों और दूरसंचार, बिजली, नागरिक उड्डयन, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालयों के सचिवों के साथ बैठक करके आने वाले चक्रवाती तूफान यास के लिए तैयारियों की समीक्षा करेंगे. इस बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह समेत अन्य मंत्री भी शामिल होंगे.
PM Modi to hold a meeting with senior govt officials & reps from National Disaster Management Authority, Secretaries from Telecom, Power, Civil aviation, Earth Sciences Ministries to review preparations against approaching #CycloneYaas today.
— ANI (@ANI) May 23, 2021
HM & other ministers will also join. pic.twitter.com/NHVf1Jf4Da
तूफान यास को लेकर बंगाल-ओडिशा में अलर्ट
पूर्व-मध्य बंगाल की खाड़ी और उसके आसपास के उत्तरी अंडमान सागर के ऊपर एक निम्न दबाव वाले क्षेत्र के अगले 24 घंटों के दौरान चक्रवाती तूफान, 'यास' के रूप में बदलने और उत्तर पश्चिम दिशा की ओर बढ़ते हुए 26 मई के आसपास उत्तरी ओडिशा और पश्चिम बंगाल के बीच तट को पार करने की संभावना है. मौसम विभाग के अनुसार, चक्रवात के 26 मई की शाम तक पश्चिम बंगाल और उससे सटे उत्तरी ओडिशा के तटों तक पहुंचने की उम्मीद है, जिसमें हवा की गति 155 से 165 किलोमीटर प्रति घंटे होगी. प्रचंड गति से काफी तेज हवाएं चलने के साथ-साथ इन राज्यों के तटीय जिलों में भारी बारिश होने और तूफानी लहरें उठने की भी आशंका है.
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भारतीय नौसेना के पोत और विमान स्टैंडबाय पर
ऐसे में नौसेना चक्रवाती तूफान की स्थिति पर करीब से नजर रखे हुए है. पूर्वी नौसेना कमान के मुख्यालय और पश्चिम बंगाल तथा ओडिशा क्षेत्र में नौसेना के अधिकारियों ने चक्रवात यास के प्रभावों से निपटने की तैयारी के लिए प्रारंभिक गतिविधियां कीं और आवश्यकता के अनुसार सहायता प्रदान करने के लिए राज्यों के प्रशासन के साथ निरंतर संपर्क बनाए हुए हैं. तैयारियों के तहत मौजूदा संसाधनों को बढ़ाने के लिए ओडिशा और पश्चिम बंगाल में 8 बाढ़ राहत दल और 4 गोताखोरी दल तैनात किए गए हैं.
ओडिशा और पश्चिम बंगाल तट के साथ ही सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में सहायता देने नौसेना के चार जहाज मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) सामग्री, गोताखोरी और चिकित्सा दलों के साथ स्टैंडबाय पर हैं. नौसेना के विमानों को नौसेना के हवाई स्टेशनों, विशाखापत्तनम में आईएनएस डेगा और चेन्नई के पास आईएनएस राजाली में तैयार रखा गया है. जिससे सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया जा सके, हताहतों की निकासी और जरूरत के अनुसार राहत सामग्री को एयरड्रॉप किया जा सके.
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एनडीआरएफ की 65 टीमें तैनात, 20 टीमें स्टैंडबाय पर
राहत और बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ को भी अलर्ट कर दिया गया है. राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) के महानिदेशक ने बताया कि बल की 65 टीमें तैनात हैं और 20 और टीमें स्टैंडबाय पर हैं. जहाजों और विमानों के साथ थल सेना, नौसेना और तटरक्षक बल के बचाव और राहत दल भी तैनात किए गए हैं. अस्पतालों और कोविड देखभाल केंद्रों का निर्बाध संचालन सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक प्रबंध भी किए जा रहे हैं और इसके साथ ही देश भर में फैले कोविड केंद्रों के लिए ऑक्सीजन का उत्पादन एवं आपूर्ति भी सुनिश्चित की जा रही है.
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