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बंगाल की खाड़ी में 'मोरा' तूफान: कई हिस्सों में हो सकती है भारी बारिश, 3 लाख़ लोगों को निकाला गया बाहर

इस चक्रवाती तूफान की वजह से मानसून केरल से पहले पूर्वोत्तर भारत में दस्तक देगा।

Updated on: 30 May 2017, 01:05 PM

नई दिल्ली:

बंगाल की खाड़ी में उठा 'मोरा' चक्रवात ग्यारह किलोमीटर की रफ्तार की तेज हवाओं के साथ सोमवार को उत्तर पूर्व की ओर बढ़ा है।  इसके मद्देनजर देश के दक्षिण तटीय इलाकों से लगभग 3,00000 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया है। 

ताज़ा जानकारी के मुताबिक त्रिपुरा, मिजोरम, मणिपुर, नागालैंड और अरुणाचल प्रदेश के कई हिस्से में भारी बारिश हुई है।

मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक यह तूफान कोलकाता के 660 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिण पूर्व और चंटगांव के 550 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में केंद्रित है। अनुमान है कि यह तूफान उत्तर और उत्तर पूर्व की दिशा में आगे बढ़ते हुए मंगलवार दोपहर तक बांग्लादेश को पार कर जाएगा।

अगले 24 घंटों में पूर्वोत्‍तर राज्‍यों खासतौर पर ओडिशा में भारी बारिश और तूफान की आशंका है। इस दौरान अगले दो दिन तक मछुआरों को समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी गई है।

मौसम वैज्ञानिकों ने पुर्वानुमान में बताया था कि 30 मई को दक्षिण असम, मेघालय, त्रिपुरा, और मिजोरम में भारी बारिश हो सकती है। अरुणाचल और नागारलैंड में भी भारी बारिश की संभावना जताई गई थी।

बताया जा रहा है कि बंगाल की खाड़ी में आए मोरा तूफान की वजह से दक्षिण-पश्चिम मानसून के जल्‍द दस्‍तक देने की उम्‍मीद है। लेकिन इससे काफी मुश्किलें भी बढ़ सकती हैं।

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मोरा एक चक्रवाती तूफान है। फिलहाल इसकी गति 125 किलोमीटर प्रति घंटे की है, लेकिन बाद में इसकी रफ्तार बढ़ भी सकती है। 

इस बीच बांग्लादेश को 'मोरा' के प्रकोप से बचाने के लिए भारतीय नौसेना पूरी तरह तैयार है। नौसेना को पूर्वी बेड़े के पोतों को तैयारी के उच्चतम स्तर पर रखा गया है, ताकि यदि मोरा नाम का चक्रवात बांग्लादेश के इलाकों को अपनी चपेट में ले तो पड़ोसी देश को तुरंत मदद मुहैया कराई जा सके।

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