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साइबर अपराधी लोगों को शिकार बनाने के लिए अपनाते हैं ये 12 तरीके, फिर एक झटके में खाली कर देते हैं अकाउंट

साइबर अपराधियों ने अब तक कितने तरह के साइबर फ्रॉड के तरीके अपनाए हैं? ये जानकारी हर नागरिक को होनी चाहिए, क्या पता कहीं आपका नंबर ना जाए.

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Ravi Prashant
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साइबर क्राइम

क्या आपका नंबर अगला है? ( Photo Credit : SOCIAL MEDIA)

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इंटरनेट की दुनिया में साइबर क्राइम एक बड़ा चैलेंज हो गया है. आज की तारीख में अगर कोई जागरूक नहीं है तो वह आसानी से साइबर क्राइम का शिकार बन जाता है. आए दिन ऐसे कई मामले सामने आते हैं, जिनमें साइबर अपराधी लोगों को ओटीपी या लॉटरी या ऑफर का लालच देकर स्कैम कर देते हैं यानी एक पल में खाते से पैसे गायब हो जाते हैं. ऐसे में अब लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है और यह जानना जरूरी है कि इंटरनेट की दुनिया में साइबर अपराधी किस तरह से साइबर क्राइम को अंजाम दे रहे हैं. आज इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि साइबर अपराधियों ने अब तक कितने तरह के साइबर फ्रॉड के तरीके अपनाए हैं.

1. फिसिंग अटैक के जरिए धोखाधड़ी

यह धोखेबाजों द्वारा आपकी निजी जानकारी चुराने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला एक तरीका है. इस धोखाधड़ी के तहत जालसाज खुद को असली या प्रतिष्ठित कंपनी बताकर आपको ईमेल भेजते हैं. उन ईमेल को भेजने का उद्देश्य आपके बैंक के डिटेल्स को चुराना होता है. इन ईमेल में आमतौर पर एक लिंक या अटैचमेंट होता है. अगर आप उन लिंक्स पर क्लिक करते हैं तो आप एक ऐसी फर्जी वेबसाइट पर पहुंच जाएंगे, जिसमें आपसे आपकी संवेदनशील जानकारी जैसे कार्ड डिटेल्स, यूपीआई कोड और अन्य बैंक डिटेल्स फिल करने के लिए निर्देश दिए जाएंगे. इसके साथ ही, ऐसे लिंक पर क्लिक करने से आपके कंप्यूटर पर वायरस अटैक हो सकता है

2. ऑनलाइन शॉपिंग के जरिए धोखाधड़ी

यह पिछले कुछ वर्षों से सबसे बड़ी इंटरनेट स्कैम में से एक है. इसके जरिए जालसाज भोले-भाले लोगों से उनकी मेहनत की कमाई ठगने के इरादे से फर्जी ऑनलाइन शॉपिंग पोर्टल बनाते हैं. वेबसाइट में वे बेहद सस्ते दाम पर आकर्षक प्रोडक्ट डिस्प्ले करते हैं. लेकिन, पैसे देकर खरीदारी करने के बाद या तो नकली प्रोडक्ट डिलीवर हो जाता है या फिर प्रोडक्ट डिलीवर ही नहीं होता है. इन वेबसाइटों पर कोई रिटर्न या रिफंड पॉलिसी नहीं होती है और संपर्क करने के लिए कोई ग्राहक सहायता टीम भी नहीं होता है.

3. आइडेंटिटी की चोरी के जरिए धोखाधड़ी

आपकी आइडेंटिटी की चोरी कर आपकी व्यक्तिगत जानकारी इंटरनेट के माध्यम से धोखेबाजों द्वारा चुरा ली जाती है और इसका उपयोग पर्सनल लोग, दोपहिया वाहन लोग या बैंक में क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करने के लिए किया जाता है. जब आपके नाम पर लोन लिया जाता है, तो उसके रिपेमेंट के लिए आप जिम्मेदार हो जाते हैं. बैंक आपको पुनर्भुगतान के लिए नोटिस भेजने लगते हैं. अगर लोन नहीं चुकाया गया तो इसका आपके क्रेडिट स्कोर पर बुरा असर पड़ेगा और आपको लोन डिफॉल्टर घोषित कर दिया जाएगा. इसके साथ ही आपकी चुराई गई जानकारी का इस्तेमाल फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट बनाने में भी किया जा सकता है.

4. वर्क फ्रॉम होम के नाम पर स्कैम

वर्क फ्रॉम होम स्कैम गंभीर इंटरनेट धोखाधड़ी में से एक है. इसके तहत जालसाज घर से काम की तलाश कर रहे लोगों को यह वादा करके ठगते हैं कि वे घर से कुछ घंटे काम करके अच्छा पैसा कमा लेंगे. योजना के लिए रजिस्ट्रेशन करने के लिए, नौकरी चाहने वालों को जॉब किट के लिए एक निश्चित राशि जमा करने के लिए कहते हैं, जो काम के लिए उपयोगी बताकर देते हैं. पैसा जमा होते ही जो नियुक्ति यानी जॉब का ऑफर करने वाला अचानक गायब हो जाता है.

5. लॉटरी के जरिए धोखाधड़ी

लॉटरी धोखाधड़ी भारत में टॉप तीन इंटरनेट धोखाधड़ी में से एक है. लॉटरी धोखाधड़ी के तहत, धोखेबाज आपको कॉल करते हैं या ईमेल और संदेश भेजते हैं और बताते हैं कि आपने कुछ करोड़ रुपये की लॉटरी जीती है. लॉटरी के पैसे प्राप्त करने के लिए आपसे टैक्स के नाम पर ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर करने के लिए कहते हैं. कभी-कभी फर्जी वेबसाइट पर जाकर पैसे मांगते हैं. जब आप उन वेबसाइटों का उपयोग करके भुगतान करने का प्रयास करेंगे तो आपके कार्ड की सारी जानकारी चोरी हो जाती है. हालांकि, ये स्कैम काफी पुराना हो गया है लेकिन भी जानकारी रखना बहुत जरूरी है.

6. मैट्रिमोनियल के जरिए धोखाधड़ी

इस बिजी लाइफस्टाइल में लोग अपने जीवन साथी को ढूंढने के लिए ऑनलाइन मैट्रिमोनियल साइटों को प्राथमिकता देते हैं. लेकिन, यहां दुखद बात यह है कि बहुत से लोग मैट्रिमोनियल साइटों पर अपने जीवनसाथी को ढूंढने में लाखों पैसे खो देते हैं. जालसाज फर्जी प्रोफाइल बनाकर भोले-भाले लोगों को ठगते हैं. साथ ही इस धोखाधड़ी को अंजाम देने के लिए कई गिरोह भी बने हुए हैं. इस धोखाधड़ी के तहत सबसे पहले जालसाज पीड़ितों को अपने ऊपर विश्वास दिलाते हैं. एक बार ट्रस्ट बन जाने के बाद पीड़ितों से पैसे लूटे जाते हैं.

7. टैक्स के जरिए स्कैम

यह धोखाधड़ी आम तौर पर टैक्स सीजन के दौरान होती है जब टैक्सपेयर अपने टैक्स रिफंड का इंतजार कर रहे होते हैं. जालसाज खुद को इनकम टैक्स विभाग से होने का दावा कर करदाताओं को फर्जी रिफंड एसएमएस और ईमेल भेजते हैं. ये सूचनाएं मुख्य रूप से उनकी व्यक्तिगत जानकारी जैसे आईटी विभाग की वेबसाइट का लॉगिन डिटेल्स, बैंक डिटेल्स आदि जुटाने करने के इरादे से भेजी जाती हैं. इस दौरान आपके बैंक खाते में रिफंड राशि जमा करने के लिए, आपसे आपकी संवेदनशील बैंक जानकारी शेयर करने के लिए कहा जाएगा.

8. क्रेडिट कार्ड रिवार्ड प्वाइंट के जरिए धोखाधड़ी

क्रेडिट कार्ड के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए क्रेडिट कार्ड कंपनियों द्वारा रिवॉर्ड पॉइंट या लॉयल्टी पॉइंट देती रहती हैं. क्रेडिट कार्ड रिवॉर्ड प्वाइंट के नाम पर भी धोखाधड़ी होती है. जालसाज क्रेडिट कार्डधारकों को उनकी क्रेडिट कार्ड कंपनी से होने का दावा करते हुए कॉल करते हैं और उनसे कहते हैं कि वे उनके क्रेडिट कार्ड रिवॉर्ड पॉइंट को पाने में उनकी मदद करेंगे. वे कार्डधारकों के बीच यह कहते हुए उत्सुकता पैदा करते हैं कि यह ऑफर बहुत जल्द समाप्त हो जाएगा. रिवॉर्ड पॉइंट भुनाने के लिए, कार्डधारकों को ओटीपी के साथ अपने कार्ड का डिटेल्स शेयर करने के लिए कहा जाएगा. जालसाज़ इन का डिटेल्स उपयोग करके धोखाधड़ी वाले लेनदेन को अंजाम देते हैं.

9. OLX के जरिए धोखाधड़ी

ओएलएक्स पर धोखाधड़ी बहुत आम हो गई है और कई लोग वेबसाइट पर प्रोडक्ट खरीदते और बेचते समय अपना पैसा खो चुके हैं. ओएलएक्स पर आमतौर पर जो धोखाधड़ी होती है, वह यह है कि जालसाज खुद को सेना का जवान बताते हैं और वेबसाइट पर अपना विज्ञापन पोस्ट करते हैं. जालसाज लोगों को उन पर भरोसा दिलाने के लिए सेना के जवानों के चुराए गए आईडी कार्ड का इस्तेमाल करते हैं. वे एडवर्टाइज प्रोडक्ट के लिए खरीदार से पैसे इकट्ठा करते हैं लेकिन वे कभी भी प्रोडक्ट बेचते ही नहीं है. यहां सशस्त्र बलों से जुड़ी सद्भावना का इस्तेमाल धोखेबाजों द्वारा लोगों से उनकी मेहनत की कमाई को ठगने के लिए किया जाता है.

10. सोशल मीडिया के जरिए धोखाधड़ी

सोशल मीडिया का उपयोग करने वाले लोगों की संख्या के साथ, सोशल मीडिया धोखाधड़ी बढ़ रही है. साइबरबुलिंग सबसे बड़ी सोशल मीडिया धोखाधड़ी में से एक है जिसके शिकार कई किशोर हुए हैं. साइबरबुलिंग के तहत सोशल मीडिया साइट्स का इस्तेमाल लोगों को धमकाने के लिए किया जाता है. इसके अलावा, फेसबुक फ्रेंड बनाकर या किसी की फेक आईडी बनाकर लोगों से पैसे की डिमांड करना या किसी के आईडी को हैक करके पैसा मांगना. 

11. फर्जी ऐप के जरिए धोखधड़ी

आज फ़ोन उपयोगकर्ता अपने फ़ोन में Google Play Store पर मौजूद किसी भी एप्लिकेशन को डाउनलोड करने से पहले एक बार भी नहीं सोचते हैं. कई बार ऐसा होता है कि आप कोई ऐसा एप्लिकेशन डाउनलोड कर लेते हैं जो साइबर अपराधियों द्वारा बनाया गया होता है. जब आप इस एप्लिकेशन को डाउनलोड करते हैं तो आपसे कई एक्सेस मांगे जाते हैं, जैसे आपकी गैलरी एक्सेस, कॉन्टैक्ट्स एक्सेस और कई अन्य एक्सेस जो एप्लिकेशन को देने की बिल्कुल भी आवश्यकता नहीं होती है लेकिन लोग बिना सोचे-समझे एप्लिकेशन को फोन में इंस्टॉल कर लेते हैं. ऐसे में अपराधी आपके फोन में सेंध लगा देते हैं. आपका व्यक्तिगत डेटा जैसे कि आपका फ़ोन नंबर या आपकी व्यक्तिगत फ़ोटो या वीडियो चुरा लेते हैं, इसके बाद आपको धमकी देते हैं.

12. व्हाट्सएप न्यूड कॉल के जरिए स्कैम

वॉट्सऐप पर किसी अनजान नंबर से अचानक वीडियो कॉल आती है और आपके सामने कोई महिला या कोई फेक पॉर्न वीडियो प्ले हो जाता है जो आपके चेहरे के साथ रिकॉर्ड हो जाता है. इस दौरान साइबर अपराधी स्क्रीन रिकॉर्डिंग करते हैं. इसके बाद वह वीडियो वायरल करने की धमकी देते हैं. ऐसे में लोग डर जाते हैं और आसानी से साइबर अपराधियों का शिकार बन जाते हैं. साइबर अपराधी इस दौरान कई हजार रुपये निकाल लेते हैं.

Source : News Nation Bureau

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