CWC की बैठक में बड़ा फैसला, सोनिया गांधी ही बनी रहेंगी कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष
कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक (CWC Metting) में कांग्रेस दो फाड़ में नजर आई. एक तरफ गांधी परिवार तो दूसरी तरफ बागी नेता. हालांकि, इस बैठक में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के बीच चर्चा के बाद अध्यक्ष पद पर कोई निर्णय नहीं हुआ. इसके बाद फैसला लिया गया है कि सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ही कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष बनी रहेंगी.
नई दिल्ली:
कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक (CWC Metting) में कांग्रेस दो फाड़ में नजर आई. एक तरफ गांधी परिवार तो दूसरी तरफ बागी नेता. हालांकि, इस बैठक में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के बीच चर्चा के बाद अध्यक्ष पद पर कोई निर्णय नहीं हुआ. इसके बाद फैसला लिया गया है कि सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ही कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष बनी रहेंगी. अगले 6 महीने में कांग्रेस के नए अध्यक्ष चुने जाएंगे.
आपको बता दें कि कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सोमवार को कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में पद छोड़ने की पेशकश की और कहा कि सीडब्ल्यूसी नया अध्यक्ष चुनने के लिए प्रक्रिया आरंभ करे. सीडब्ल्यूसी की बैठक आरंभ होने के बाद सोनिया ने कहा कि वह अंतरिम अध्यक्ष का पद छोड़ना चाहती हैं और उन्होंने संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल को विस्तृत जवाब भेजा है. इसके बाद पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कुछ अन्य नेताओं ने उनसे आग्रह किया कि वह पद पर बनी रहें. सोनिया गांधी ने गुलाम नबी आजाद और पत्र लिखने वाले कुछ नेताओं एवं उनकी ओर से उठाए गए मुद्दों का हवाला दिया.
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी पार्टी में नेतृत्व के मुद्दे पर सोनिया गांधी को पत्र लिखने वाले नेताओं पर निशाना साधा और कहा कि जब पार्टी राजस्थान एवं मध्य प्रदेश में विरोधी ताकतों से लड़ रही थी और सोनिया गांधी अस्वस्थ थीं तो उस समय ऐसा पत्र क्यों लिखा गया. नेतृत्व के मुद्दे पर कांग्रेस के दो खेमों में नजर आने की स्थिति बनने के बीच पार्टी की सर्वोच्च नीति निर्धारण इकाई सीडब्ल्यूसी की बैठक वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से हो रही है.
सीडब्ल्यूसी की बैठक से एक दिन पहले रविवार को पार्टी में उस वक्त नया सियासी तूफान आ गया जब पूर्णकालिक एवं जमीनी स्तर पर सक्रिय अध्यक्ष बनाने और संगठन में ऊपर से लेकर नीचे तक बदलाव की मांग को लेकर सोनिया गांधी को 23 वरिष्ठ नेताओं की ओर से पत्र लिखे जाने की जानकारी सामने आई. हालांकि, इस पत्र की खबर सामने आने के साथ ही पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पार्टी के कई अन्य वरिष्ठ एवं युवा नेताओं ने सोनिया और राहुल गांधी के नेतृत्व में भरोसा जताया और इस बात पर जोर दिया कि गांधी परिवार ही पार्टी को एकजुट रख सकता है.
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