CWC की बैठक में बड़ा फैसला, जानें कब कांग्रेस अध्यक्ष बनेंगे राहुल गांधी
कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के सहयोग के लिए एक व्यवस्था बनाई जानी चाहिए.
नई दिल्ली:
कांग्रेस कार्य समिति (CWC) की बैठक में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने कहा कि पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) के सहयोग के लिए एक व्यवस्था बनाई जानी चाहिए. सूत्रों के मुताबिक, बैठक में उन्होंने यह भी कहा कि सोनिया गांधी को अंतरिम अध्यक्ष बनाए रखना लंबे समय तक नहीं हो सकता और नए अध्यक्ष के चुनाव के लिए जल्द अधिवेशन बुलाया जाना चाहिए. बताया जा रहा है कि बिहार चुनाव के बाद राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष बनने के संकेत मिल रहे हैं.
जानकार सूत्रों के मुताबिक, बिहार चुनाव के बाद राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष बन सकते हैं. अगले AICC अधिवेशन में उनके नाम का ऐलान होगा. कोरोना के बाद ये अधिवेशन होगा. इस हिसाब से एक बार फिर राहुल गांधी के अध्यक्ष बनने का फैसला टल गया. इस सारे घटनाक्रम से कांग्रेसी नेताओं में काफी निराशा है.
हालांकि, देश में कब कोरोना वायरस का प्रकोप खत्म होगा और उसके बाद न जाने AICC अधिवेशन कब होगा? इस हिसाब से तो अगले छह महीने तक राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष बनने की उम्मीद कम है. कांग्रेस की मौजूदा संगठन व्यवस्था ऐसे ही चलती रहेगी. अलबत्ता सोनिया गांधी का निर्विवाद नेतृत्व जरूर बना रहेगा.
इसी बीच कांग्रेस के संगठनात्मक चुनाव की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी. CWC में एक साल बाद चुनावी प्रक्रिया शुरू करने का प्रस्ताव आया था, लेकिन राहुल गांधी ने हस्तक्षेप किया और इसे छह महीने के अंदर शुरू करने के लिए कहा है. हालांकि, सदस्यता अभियान लगभग पूरी हो चुकी है. अब थोड़ी सी औपचारिकताएं शेष बची हैं.
CWC की बैठक में 5 बड़े कारण आए सामने
कांग्रेस कार्य समिति (CWC) ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा महासचिव (संगठन) को लिखे गए पत्र एवं कुछ कांग्रेस नेताओं द्वारा कांग्रेस अध्यक्षा को लिखे हुए पत्र का संज्ञान लिया. सीडब्लूसी ने इन पत्रों पर गहन विचार विमर्श किया एवं विस्तृत चर्चा के बाद, कई निष्कर्ष निकाले.
1. पिछले 6 महीनों में देश पर अनेकों विपत्तियां आई हैं. देश के सामने आई चुनौतियों में कोरोना महामारी प्रमुख है. जो हजारों जिंदगी ले चुकी है. तेजी से गिरती अर्थव्यवस्था व आर्थिक संकट. करोड़ों रोजगारों का नुकसान एवं बढ़ती गरीबी तथा चीन द्वारा भारतीय सीमा में घुसपैठ व कब्जे के दुस्साहस का संकट है.
2. इस चुनौतीपूर्ण समय में सरकार की हर मुद्दे पर संपूर्ण विफलता को उजागर करने व विभाजनकारी राजनीति एवं भ्रामक प्रचार-प्रसार का पर्दाफाश करने वाली सबसे ताकतवार आवाज सोनिया गांधी और राहुल गांधी की है. प्रवासी मजदूरों की समस्याओं पर सोनिया गांधी के सटीक सवालों ने भाजपा सरकार की जवाबदेही सुनिश्चित की. सोनिया गांधी ने सुनिश्चित किया कि कांग्रेस-शासित राज्यों में कोरोना महामारी को प्रभावशाली तरीके से संभाला जाए तथा स्वास्थ्य सेवाएं व इलाज समाज के हर वर्ग को उपलब्ध हो सके. उनके नेतृत्व ने उच्च पदों पर बैठे लोगों को झकझोरा भी और सच्चाई का आईना भी दिखाया.
यह भी पढ़ें- सोनिया गांधी बनी रहेंगी कांग्रेस अंतरिम अध्यक्ष, cwc की बैठक में 5 बड़े कारण आए सामने
सोनिया गांधी एवं राहुल गांधी के हाथों व प्रयासों को हर संभव तरीके से मजबूत करने का संकल्प लेती है
राहुल गांधी ने भाजपा सरकार के खिलाफ जनता की लड़ाई का दृढ़ता से नेतृत्व किया. कांग्रेस के हर आम कार्यकर्ता की व्यापक राय व इच्छा को प्रतिबिंबित करते हुए, कांग्रेस कार्यसमिति की यह बैठक सोनिया गांधी एवं राहुल गांधी के हाथों व प्रयासों को हर संभव तरीके से मजबूत करने का संकल्प लेती है. सीडब्लूसी की स्पष्ट राय है कि इस महत्वपूर्ण मोड़ पर पार्टी एवं इसके नेतृत्व को कमजोर करने की अनुमति न तो किसी को दी जा सकती है और न ही किसी को दी जाएगी. आज हर कांग्रेसी कार्यकर्ता एवं नेता की जिम्मेदारी है कि वह भारत के लोकतंत्र, बहुलतावाद व विविधता पर मोदी सरकार द्वारा किए जा रहे कुत्सित हमलों का डटकर मुकाबला करें.
3. महत्वपूर्ण बात यह है कि हमारे इन दोनों नेताओं की बुलंद आवाज ने कांग्रेस के अंदर व बाहर, भारतीयों को देशवासियों के साथ खड़े हो भाजपा सरकार से जवाबदेही मांगने व सवाल पूछने के लिए प्रेरित किया है. जबकि सरकार जनता को अपने खोखले व स्वनिर्मित मुद्दों में उलझाकर रखना चाहती है. उनके नेतृत्व में करोड़ों कांग्रेसी कार्यकर्ता व समर्थक बाहर निकल पड़े, ताकि मौजूदा भाजपा सरकार के अधीन शासन की भारी कमियों की भरपाई हो. जिनकी वजह से गरीब व मध्यम परिवार के लोगों को अपने अधिकारों व आजीविका से वंचित होना पड़ा.
4. सीडब्लूसी ने इसका भी संज्ञान लिया कि पार्टी के अंदरूनी मामलों पर विचार विमर्श मीडिया के माध्यम से या सार्वजनिक पटल पर नहीं किया जा सकता है. कांग्रेस कार्यसमिति ने सभी कार्यकर्ताओं व नेताओं को राय दी की पार्टी से संबंधित मुद्दे पार्टी के मंच पर ही रखे जाएं. उपयुक्त अनुशासन भी रहे और संगठन की गरिमा भी.
5. सीडब्लूसी कांग्रेस अध्यक्ष को अधिकृत करती है कि उपरोक्त चुनौतियों के समाधान हेतु जरूरी संगठनात्मक बदलाव के कदम उठाएं. उपरोक्त विचार विमर्श एवं निष्कर्ष के प्रकाश में सीडब्लूसी एकमत से सोनिया गांधी से निवेदन करती है कि कोरोना काल में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अगले अधिवेशन के बुलाए जाने तक वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्षा के गरिमामय पद पर नेतृत्व करें.
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