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अगर आप स्मोकिंग करते हैं तो कोरोना रहेगा आपसे दूर, CSIR का दावा

सीएसआईआर ने अपनी 20 लैबोरेट्री की मदद से 10,427 लोगों पर सीरो सर्वे किया था. इनमें कॉन्ट्रैक्ट पर रखे कर्मचारी भी शामिल थे और उनके पारिवारिक सदस्य भी.

Updated on: 25 Apr 2021, 09:24 PM

highlights

  • देश में कोरोना का संकट लगातार जारी है
  • कोरोना वायरस की दूसरी लहर में संक्रमितों की संख्या बढ़ती जा रही है
  • CSIR के सर्वे ने दूसरी लहर में संक्रमण फैलने की वजहों पर रोशनी डाली है

नई दिल्ली:

देश में कोरोना का संकट लगातार जारी है. इस बीच कोरोना वायरस की दूसरी लहर में संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. काउंसिल फॉर साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (CSIR) के सर्वे ने दूसरी लहर में संक्रमण फैलने की वजहों पर रोशनी डाली है. सर्वे में कहा गया कि पिछले साल सितंबर महीने में संक्रमण के चरम छूने के बाद भी लोगों के बीमार होने के पीछे एक वजह ये हो सकती है कि सीरो सर्वे में पॉजिटिव पाए गए लोगों में कोई खास एंटी बॉडीज मौजूद ना हों, जो संक्रमण से लड़ सकें. 

साथ ही  काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (CSIR) की ओर से कराए गए एक सर्वे में सामने आया है कि धूम्रपान (Smoking) करने वाले और वेजेटेरियन (Vegetarian) लोगों में कोविड-19 के संक्रमण का खतरा कम रहता है. सर्वे में पाया गया है कि कोरोना वायरस भले ही सांस से जुड़ी बीमारी है, लेकिन स्मोकिंग इससे बचाने में सक्षम हो सकता है, क्योंकि धूम्रपान से म्यूकस प्रोडक्शन बढ़ जाता है, जो फर्स्ट लाइन ऑफ डिफेंस का काम करता है.

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सीएसआईआर ने अपनी 20 लैबोरेट्री की मदद से 10,427 लोगों पर सीरो सर्वे किया था. इनमें कॉन्ट्रैक्ट पर रखे कर्मचारी भी शामिल थे और उनके पारिवारिक सदस्य भी. ये लोग दो केंद्रशासित प्रदेशों के साथ 17 राज्यों में निवास करते हैं. 10,427 लोगों पर किए गए सीरो सर्वे में औसत पॉजिटिविटी रेट 10.14 प्रतिशत थी.

सर्वे के मुख्य लेखकों में शामिल शांतनु सेनगुप्ता ने कहा कि पिछले पांच से छह महीनों में एंटीबॉडीज की संख्या में काफी गिरावट आई है, जिसकी वजह से लोग संक्रमण के शिकार हो रहे हैं. संक्रमण की पहली लहर में सितंबर 2020 में देश ने कोरोना का चरम देखा था, हालांकि अक्टूबर की शुरुआत के बाद देश में संक्रमण के नए मामलों में गिरावट देखी गई.

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सर्वे के अनुसार, पांच से छह महीनों के बाद सीरो पॉजिटिव लोगों में महत्वपूर्ण न्यूट्रलाइजेशन एक्टिविटी की कमी देखी गई, हालांकि CSIR के डाटा में पता चला था कि एंटी-एनसी (न्यूक्लियोकैप्सिड) एंटीबॉडी वायरल और इंफेक्शन के खिलाफ लंबे समय तक सुरक्षा प्रदान करती है. अगर हम और ज्यादा सख्त प्रावधानों को लागू करें तो शरीर में न्यूट्रलाइजेशन की बड़ी कमी हो सकती है. ऐसे में हमारा मानना है कि यही चीज है जो मार्च 2021 में कोरोना की दूसरी लहर को और ज्यादा बड़ी बना रही है.